LIC IPO: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने शेयर बाजार में अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने से पहले कर्मचारियों, एजेंटों के लिए एक सख्त फरमान जारी कर दिया है. कंपनी ने कहा है कि वे एलआईसी के आईपीओ के बारे में सार्वजनिक रूप से किसी तरह का बयान न दें.
एलआईसी ने कहा है कि आईपीओ के बारे में मीडिया से किसी तरह की बातचीत की इजाजत सिर्फ कंपनी के चेयरमैन एमआर कुमार और चार निदेशकों एमके गुप्ता, राजकुमार, सिद्धार्थमोहंती, मिनी आईपे को ही है. कंपनी ने कहा कि बाकी कर्मचारी या एजेंट कंपनी ने आईपीओ की टाइमिंग,वैलयुएशन या शेयर कीमत आदि के बारे में भी सार्वजनिक तौर पर कोई बयान न दें.
क्या कहा एलआईसी ने
गौरतलब है कि एलआईसी का आईपीओ जनवरी से मार्च 2022 के बीच आने वाला है. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, एलआईसी ने एकआधिकारिक आदेश में कहा है, 'आईपीओ/आईपीओ के आकार/आईपीओ की टाइमिंग/आईपीओ के वैल्युएशन/भविष्य के किसी लक्ष्य के बारे में किसी भी तरह की जानकारी किसी पब्लिक फोरम पर या सार्वजनिक बयान के द्वारा नहीं दी जा सकती.'
कंपनी ने कहा है कि 'एजेंट मीटिंग/कस्टमर मीट/पब्लिक फंक्शन या किसी पब्लिक फोरम में भी इन मसलों पर बात नहीं की जा सकती.' भारत में बीमा कारोबार में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है. कंपनी का देश भर में एजेंटों का व्यापक नेटवर्क है.
सोशल मीडिया पर भी अंकुश
कंपनी ने कहा है कि कोई भी अधिकारी किसी अप्रकाशित डेटा या सूचना को भी साझा या खुलासा नहीं कर सकता. यही नहीं एलआईसी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि कर्मचारियों और एजेंटों द्वारा सोशल मीडिया पर किसी तरह की अपुष्ट या अप्रकाशित जानकारी को साझा करने के प्रति कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है.
कंपनी ने कहा है कि ऐसी किसी अपुष्ट या अप्रकाशित जानकारी को सर्कुलेट या फॉरवर्ड करना निर्देश का उल्लंघन माना जाएगा. एलआईसी के देश भर में 13.5 लाख एजेंट हैं, जबकि बाकी सभी 20 निजी बीमा कंपनियों के कुल मिलाकर महज 11 लाख एजेंट ही हैं. एलआईसी में पेरोल पर एक लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं.
(www.businesstoday.in/ के इनपुट पर आधारित)
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