कोरोना संकट से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था: वर्ल्ड बैंक प्रेसिडेंट डेविड मालपास

डेविड मालपास ने यह भी कहा, भारत औपचारिक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में अधिक लोगों को एकीकृत करने और लोगों की कमाई बढ़ाने की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. हालांकि, भारत ने कुछ प्रगति की है. यह पर्याप्त नहीं है.

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वर्ल्ड बैंक प्रेसिडेंट डेविड मालपास (फाइल फोटो) वर्ल्ड बैंक प्रेसिडेंट डेविड मालपास (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • वॉशिंगटन,
  • 14 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST
  • भारत ने कुछ प्रगति की है. यह पर्याप्त नहीं है- वर्ल्ड बैंक
  • 'वैक्सीनेशन में भारत ने प्रगति की'

भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना संकट से उबर रही है. यह बात वर्ल्ड बैंक प्रेसिडेंट डेविड मालपास ने बुधवार को कही. डेविड मालपास ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना का काफी असर पड़ा था, लेकिन अब यह उबर रही है और वर्ल्ड बैंक इसका स्वागत करता है.  

डेविड मालपास ने यह भी कहा, भारत औपचारिक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में अधिक लोगों को एकीकृत करने और लोगों की कमाई बढ़ाने की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. हालांकि, भारत ने कुछ प्रगति की है. यह पर्याप्त नहीं है. 

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'वैक्सीनेशन के प्रयास में प्रगति हुई'
मालपास ने कहा, भारत कोरोना की लहरों की चपेट में आया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने वैक्सीन का बड़ी मात्रा में उत्पादन के साथ प्रतिक्रिया दी, वैक्सीनेशन के प्रयास में प्रगति हुई है. लेकिन हमें भारतीय अर्थव्यवस्था पर और विशेष रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के अनौपचारिक क्षेत्र पर, जो कि बहुत बड़ा है, कोरोना के कारण हुए नुकसान को पहचानना होगा. 

मुद्रास्फीति से भारत भी प्रभावित
इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है. इस पर मालपास ने कहा, उन्होंने यह भी कहा कि भारत, अन्य देशों की तरह, अब कोरोना की वजह से आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान का सामना कर रहा है. हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था अब उबर रही है. हम इसका स्वागत करते हैं. लेकिन भारत, अन्य देशों की तरह, अब आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और दुनिया में बढ़ रही मुद्रास्फीति से बहुत प्रभावित है. 

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उन्होंने कहा कि वे 2019 के अंत में भारत गए थे और वहां किए जा रहे बदलावों को देखा जो बैंकिंग प्रणाली, वित्तीय प्रणाली, सिविल सेवा प्रणाली और भारत के स्वच्छ पानी में सुधार के तरीकों की तलाश में काफी सकारात्मक थे. स्वच्छ जल में सुधार के तरीके भारत में पोषण और बाल पोषण के लिए बहुत अहम हैं. स्वच्छ जल जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रारंभिक बिंदुओं में से एक है. 


 

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