1 करोड़ का जुर्माना, 10 साल की जेल... अब लोन ऐप्‍स वालों की खैर नहीं! सरकार ने रखा प्रस्‍ताव

वित्त मंत्रालय ने अनियमित लोन गतिविधियों पर प्रतिबंध बिल नाम से एक प्रस्‍ताव पब्लिक प्र‍तिक्रिया के लिए जारी किया है, जिस पर कमेंट्स फरवरी 2025 तक स्‍वीकार की जाएंगी. पब्लिक कमेंट्स के बाद आगे प्रस्‍ताव को बढ़ाया जाएगा और कानून बनाया जा सकता है.

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 21 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

केंद्र सरकार ने एक नया प्रस्‍ताव रखा है, जिसका लक्ष्‍य अनियमित लोन देने पर रोक लगाना है. इस प्रस्‍ताव के तहत उल्‍लंघन करने वालों पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना और 10 साल की जेल लग सकती है. सरकार ने ऐसा प्रस्‍ताव पिछले दो सालों में अनियमित लोन देने की प्रथाओं में लगे कई डिजिटल लोन ऐप (Digital Loan Apps) पर कार्रवाई और उनके अनैतिम लोन और आक्रामक वसूली के तरीकों के बारे में कई शिकायतों के जवाब में की गई है. 

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वित्त मंत्रालय ने अनियमित लोन गतिविधियों पर प्रतिबंध बिल नाम से एक प्रस्‍ताव पब्लिक प्र‍तिक्रिया के लिए जारी किया है, जिस पर कमेंट्स फरवरी 2025 तक स्‍वीकार की जाएंगी. पब्लिक कमेंट्स के बाद आगे प्रस्‍ताव को बढ़ाया जाएगा और कानून बनाया जा सकता है. प्रस्‍ताव‍ित बिल का मुख्‍य उद्देश्‍य किसी भी अन अथोराइज्‍ड पर्सन और संस्‍थाओं को RBI या अन्‍य नियामक एजेंसियों की मंजूरी के बिना सार्वजनिक लोन देने में भाग लेने से रोकना है. 

रिश्‍तेदारों या जान पहचान वालों को दे सकते हैं लोन 
अनियमित ऋण गतिविधियों पर प्रतिबंध (BULA) प्रस्‍ताव के मुताकिक, "रिश्तेदारों को लोन देने के अलावा अन्य अनियमित लोन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने और उधारकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए एक व्यापक तंत्र प्रदान करने वाला अधिनियम." विधेयक के अनुसार, सार्वजनिक लोन गतिविधि से मतलब व्यक्तियों द्वारा किए जाने वाले लोन बिजनेस से है, जिसमें गैर-रिश्तेदारों को ब्याज दरों पर लोन या एडवांस देना शामिल है, चाहे वह कैश हो या वस्तु के रूप में. रिश्तेदारों को दिए गए लोन को इस कैटेगरी से बाहर रखा गया है. 

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प्रस्‍ताव के तहत खास बातें

  • अनियमित लोन वाले इस प्रस्‍ताव मतलब- डिजिटल लोन देने वाले प्‍लेटफॉर्म पर अंकुश लगाना है. साथ ही लोगों को लोन फ्रॉड से बचाना शामिल है. 
  • अगर कोई बिना आरबीआई के मंजूरी अनअथोराइज्‍ड लोन देता है तो उसे 7 साल तक की जेल और 2 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. 
  • लोन वसूली के लिए बलपूर्वक तरीकों का उपयोग करने वाले कर्जदाताओं के लिए 3 से 10 साल तक की जेल और बढ़े हुए जुर्माने समेत कठोर दंड है. 
  • कई राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित जांच या सार्वजनिक कल्याण पर महत्वपूर्ण मौद्रिक प्रभाव को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपना. 

धोखाधड़ी वाले ऋण देने वाले ऐप्स
हाल ही के सालों में धोखाधड़ी वाले लोन आवेदनों के प्रसार पर चिंता बढ़ रही है. कई रिपोर्टों ने इन प्लेटफ़ॉर्म को आक्रामक लोन वसूली प्रथाओं, उच्च ब्याज दरों और अघोषित शुल्कों से जोड़ा है, जिससे काफी परेशानी होती है और कुछ दुखद मामलों में लोन लेने वाला व्‍यक्ति आत्महत्या कर लेता है. सितंबर 2022 से अगस्त 2023 तक गूगल ने अपने प्ले स्टोर से 2,200 से ज़्यादा ऐसे ऐप हटा दिए हैं. साथ ही सरकार ने एड के माध्‍यम से ऐसे लोन ऐप्‍स से बचने की भी सलाह दी है. 

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गौरतलब है कि देश के केंद्रीय बैंक (RBI) ने डिजिटल लोन पर कार्रवाई के लिए पहले से योजना बना रहा है. नवंबर 2021 की अपनी रिपोर्ट में डिजिटल लोन पर प्रस्‍ताव रखा था. इसमें अनियमित लोन को गैरकानूनी घोषित करना भी शामिल था. 2021 से 2023 तक, गूगल ने सरकारी आदेशों के अनुसार अपने प्ले स्टोर पर कई ऐसे ऐप्‍स को हटा दिया था. 

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