फ्रैंकलिन टेंपलटन के निवेशकों के लिए अच्छी खबर, दो हफ्ते में 1500 करोड़ मिले

बीते अप्रैल महीने में फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड ने भारत में अपने 6 स्कीम्स को बंद कर दिया था. इस इंडस्ट्री की टॉप कंपनी फ्रैंकलिन टेंपलटन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते ये फैसला लिया था.

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फ्रैंकलिन टेंपलटन ने 6 स्कीम्स को बंद कर दिया था फ्रैंकलिन टेंपलटन ने 6 स्कीम्स को बंद कर दिया था

aajtak.in

  • नई​ दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST
  • फ्रैंकलिन ने 6 स्कीम्स को बंद कर दिया था
  • कोरोना के कारण स्कीम्स बंद की गई है
  • 6,486 करोड़ रुपये तक की नकदी रिकवर है

फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, फ्रैंकलिन टेंपलटन ने कहा कि उसकी छह बंद योजनाओं को अगस्त के दूसरे पखवाड़े में परिपक्वता, पूर्व भुगतान और कूपन भुगतान से लगभग 1,498 करोड़ रुपये मिले हैं. इसके साथ ही 24 अप्रैल से अब तक प्राप्त कुल नकदी 6,486 करोड़ रुपये तक हो चुकी है.

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आपको बता दें कि फ्रैंकलिन टेंपलटन ने निवेशको की तरफ से धन वापस लेने के दबाव और बॉन्ड बाजार में नकदी की कमी का हवाला देते हुए 23 अप्रैल को छह ऋण म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद कर दिया था. एक अनुमान के मुताबिक इस योजनाओं के तहत कुल प्रबंधित परिसंपत्ति 25,000 करोड़ रुपये है.

ये 6 योजनाएं बंद

बंद होने वाले छह फंड हैं - फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड. यह पहली बार था जब कोई निवेश संस्था कोरोना वायरस से संबंधित हालात के कारण अपनी योजनाओं को बंद की.

बंद करने की क्या थी वजह

शेयर बाजार को दी गई जानकारी में फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड ने यूनिट रिटर्न करने और बॉन्ड बाजार में लिक्विडिटी की कमी का हवाला दिया था. बयान में कंपनी ने कहा था, ‘‘कोविड-19 संकट और भारतीय अर्थव्यवस्था के लॉकडाउन के चलते कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार के कुछ हिस्से में लगातार नकदी में गिरावट आई है, जिससे निपटना जरूरी है. ऐसे में म्यूचुअल फंड, खासतौर से निश्चित आय कैटेगरी में, लगातार यूनिट वापस लेने के दबाव का सामना कर रहे हैं.’’ 

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