‘सही समय आने पर कम की जाएगी पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी’, बोले CBIC चेयरमैन

पेट्रोल-डीजल की आसमान छूटी कीमतों को लेकर जनता लंबे समय से राहत की उम्मीद कर रही है. उसे उम्मीद है कि सरकार इस पर कर का बोझ कम करेगी. इस बीच केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) के चेयरमैन एम. अजीत कुमार का कहना है कि सही समय आने पर पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की जाएगी, जानें और क्या बोले वो...

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पेट्रोल के भाव अब भी 90 रुपये के आसपास बने हैं (सांकेतिक फोटो) पेट्रोल के भाव अब भी 90 रुपये के आसपास बने हैं (सांकेतिक फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:20 PM IST
  • एक्साइज ड्यूटी कम होने की कोई निश्चित समय सीमा नहीं
  • ‘सरकार का राजस्व बढ़ाने में मददगार है एक्साइज ड्यूटी’

पेट्रोल-डीजल की आसमान छूटी कीमतों को लेकर जनता लंबे समय से राहत की उम्मीद कर रही है. उसे उम्मीद है कि सरकार इस पर कर का बोझ कम करेगी. इस बीच केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) के चेयरमैन एम. अजीत कुमार का कहना है कि सही समय आने पर पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की जाएगी, जानें और क्या बोले वो...

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एक्साइज ड्यूटी कम करने की लगातार कोशिश
अप्रत्यक्ष करों को लेकर फैसले लेने वाली देश की सर्वोच्च इकाई CBIC के चेयरमैन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हमें उम्मीद है आने वाले महीनों में सरकार की आय अच्छी रहेगी. जहां तक ईंधन के दाम कम होने की बात है तो सरकार लगातार इस पर काम कर रही है और मुझे भरोसा है कि जब सही समय आएगा तो इस पर फैसला लिया जाएगा’.
हालांकि उन्होंने इसे लेकर कोई निश्चित समय सीमा नहीं बताई.

बीते कुछ महीनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार ऊंची बनी रही हैं. देश के कई शहरों में पेट्रोल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर तक को छू गया. तब से लोगों की नजर में पेट्रोल-डीजल पर लगाया जाने वाला कर किरकिरी बना हुआ है. कई राज्य सरकारें भी आम जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के लिए केन्द्र सरकार से कह चुकी हैं.

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कितनी है पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी
बीते साल केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 13 रुपये का इजाफा किया था जिसके बाद पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क 32.90 रुपये प्रति लीटर हो गया. इसी तरह डीजल पर इसमें 16 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 31.80 रुपये प्रति लीटर हो गई. इसके बाद राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर पर वैट लगाती हैं जिसके बाद पेट्रोल की कुल कीमत का लगभग 55 से 60% केवल कर ही होता है.

सरकार का राजस्व बढ़ाने में मददगार
पेट्रोल-डीजल पर ऊंचे उत्पाद शुल्क को लेकर CBIC के सदस्य (बजट) विवेक जौहरी ने कहा कि इससे आंशिक तौर पर सरकार को 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में 59% अधिक अप्रत्यक्ष कर मिला है. उन्होंने स्पष्ट किया कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती से सरकार को राजस्व का नुकसान हो सकता है. क्योंकि कोविड के नए मामलों की वजह से कई राज्यों में आंशिक लॉकडाउन लगने शुरू हो गए हैं जिससे ईंधन की खपत घटी है.

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