कोरोना की दूसरी लहर भी इकोनॉमी के लिए मुश्किल लाती दिख रही है. अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 10.9 फीसदी से घटाकर 10.5 फीसदी कर दिया है. ब्रोकरेज ने शेयर बाजारों और आमदनी के अपने अनुमान में भी कमी की है.
गौरतलब है कि भारत में कोविड-19 के मामले रोजाना नए रिकॉर्ड पर पहुंच रहे हैं. साथ ही विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन भी लगातार बढ़ रहा है. देश में कोरोना के मामले 1.68 लाख प्रति दिन के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच जाने के बाद महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और बिहार जैसे प्रमुख राज्यों ने कठोर प्रतिबंध लगाए हैं जो आगे और बढ़ सकते हैं.
निफ्टी के लिए जारी किया अनुमान
Goldman Sachs ने यह भी अनुमान लगाया है कि निफ्टी दिसंबर तक 16,300 पहुंचेगा. पहले एजेंसी ने इसके 16,500 तक पहुंचने का अनुमान लगाया था.
गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्रियों ने मंगलवार को जारी विस्तृत नोट में कहा कि महामारी के मामले रिकॉर्ड पर पहुंचने तथा कई प्रमुख राज्यों द्वारा सख्त लॉकडाउन लगाए जाने से वृद्धि को लेकर चिंता पैदा हुई है. इससे निवेशक वृहद अर्थव्यवस्था और आमदनी में सुधार को लेकर आशंकित हैं.
जून तिमाही की वृद्धि प्रभावित होगी
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार गोल्डमैन सैक्श के नोट में कहा गया है कि भरोसे का संकट शेयर बाजारों में भी दिख रहा है. निफ्टी में सोमवार को 3.5 फीसदी का नुकसान हुआ. गोल्डमैन सैक्स ने दूसरी यानी जून तिमाही के वृद्धि के अनुमान को भी कम किया है.
हालांकि, उसने इसका कोई आंकड़ा नहीं दिया है. ब्रोकरेज फर्म ने नोट में उम्मीद जताई है इन सब चीजों का कुल असर मामूली होगा, क्योंकि अंकुश कुछ क्षेत्रों में लगाए गए हैं.
aajtak.in