बजट में बड़े तोहफे की तैयारी? इनकम टैक्स में कटौती कर सकती है सरकार: रिपोर्ट

Income Tax: टैक्‍सपेयर्स के पास अब दो अलग-अलग टैक्‍स सिस्‍टम में से किसी एक को चुनने का विकल्प है. पहला है लीगेसी प्लान, जो आवास किराए और बीमा पर छूट की अनुमति देता है, जिससे इन क्षेत्रों में टैक्‍सपेयर्स कुछ राहत मिलती है. 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 26 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:04 PM IST

सरकार कथित तौर पर मिडिल क्‍लास को बड़ी राहत देने का विचार कर रही है. उम्‍मीद की जा रही है कि बजट 2025 (Budget 2025) में इनकम टैक्‍स कटौती की जा सकती है. इससे लाखों टैक्‍सपेयर्स को लाभ मिलेगा और उनकी टेक होम इनकम बढ़ जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार 15 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्‍स में कटौती (Income Tax Deduction) करने पर विचार कर रही है. 

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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिसमें सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 मिडिल क्‍लास को राहत दे सकता है और कंज्‍मप्‍शन को बढ़ावा दे सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, अगर टैक्‍सपेयर्स 2020 की टैक्‍स सिस्‍टम यानी नए टैक्‍स सिस्‍टम को चुनते हैं, जिसमें आवास किराये (House Rent) जैसी छूट को हटा दिया गया है, तो इससे लाखों लोगों को लाभ होगा.

2020 के टैक्‍स सिस्‍टम के तहत 3 लाख से 15 लाख रुपये की सालाना आय पर 5-20 प्रतिशत के बीच टैक्‍स लगता है. ज‍बकि इससे ज्‍यादा आय वाले व्‍यक्तियों पर 30 फीसदी का टैक्‍स लगता है. अब इसे थोड़ा और विस्‍तार से समझते हैं. 

  • नई कर व्यवस्था के अनुसार, 3 लाख रुपये तक की आय पर 0 प्रतिशत कर लगता है. 
  • 3-7 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत टैक्‍स लगता है. 
  • 7-10 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत टैक्‍स लगता है. 
  • 10-12 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत टैक्‍स लगता है. 
  • 12-15 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है. 
  • 15 लाख रुपये और उससे अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर लगता है. 

टैक्‍सपेयर्स के पास दो विकल्‍प चुनने का अधिकार
टैक्‍सपेयर्स के पास अब दो अलग-अलग टैक्‍स सिस्‍टम में से किसी एक को चुनने का विकल्प है. पहला है लीगेसी प्लान, जो आवास किराए और बीमा पर छूट की अनुमति देता है, जिससे इन क्षेत्रों में टैक्‍सपेयर्स कुछ राहत मिलती है. 
दूसरा विकल्प, जिसे 2020 में पेश किया गया था, उसमें टैक्‍स की दरें थोड़ी कम हैं, लेकिन इसमें बड़ी छूट नहीं दी गई है. टैक्‍स कम करने से ज़्यादा लोग नया सिस्‍टम चुन सकते हैं, जो कम जटिल है. 

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क्‍यों टैक्‍स कटौती हो सकती है? 
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अभी तक किसी भी कटौती के साइज पर निर्णय नहीं लिया है. यह निर्णय 1 फरवरी के करीब लिया जाएगा. भारत को अधिकांश इनकम टैक्‍स कम से कम 10 लाख रुपये कमाने वाले लोगों से प्राप्त होता है, जिस पर ओल्‍ड टैक्‍स रिजीम के तहत 20 प्रतिशत टैक्‍स लगता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार मिडिल क्‍लास के राजनीतिक दबाव में है, जो हाई टैक्‍स के बोझ तले दबा हुआ है. यह असंतोष वेतन वृद्धि के कारण और भी बढ़ गया है, जो महंगाई के साथ तालमेल नहीं रख पा रही है, जिससे घरेलू बजट पर और भी दबाव पड़ रहा है. 

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