भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में गिरावट का सिलसिला जारी है. विदेशी निवेशकों की बिकवाली समेत कई फैक्टर्स के चलते Sensex-Nifty उठ नहीं पा रहे हैं. बाजार टूटने से इन्वेस्टर्स की गाढ़ी कमाई डूब रही है. बीते महज दो दिनों की गिरावट पर नजर डालें तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 13 लाख करोड़ रुपये की बड़ी गिरावट आ चुकी है, जबकि बाजार बिखरने का सिलसिला करीब डेढ़ महीने से जारी है. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी Share Market में सुस्ती बनी रह सकती है, क्योंकि गिफ्ट निफ्टी पर दबाव देखने को मिल रहा है. हालांकि, US Market में तेजी जरूर आई है.
कल बुरी तरह टूटा था बाजार
शेयर बाजार में मंगलवार की गिरावट के बाद बुधवार को भी कोहराम मचा था. BSE Sensex 78,495.53 के स्तर पर खुला थी और 984.23 अंक या 1.25 फीसदी फिसलकर 77,690 के लेवल पर क्लोज हुआ. दूसरी ओर NSE NIfty ने भी गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया थी और सेंसेक्स की तरह इसके टूटने की रफ्तार ऐसी बढ़ी कि 324.40 अंक या 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 23,559.05 के लेवल पर बंद हुआ. बाजार की इस गिरावट में बुधवार को निवेशकों के 8 लाख करोड़ रुपये के आस-पास डूब गए. जबकि इससे पहले मंगलवार को करीब 5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हुए थे.
ग्लोबल बाजारों से क्या मिले संकेत?
भारतीय बाजार ही नहीं, बल्कि एशियाई बाजारों में भी बीते कुछ दिनों में सुस्ती देखने को मिली है. गिफ्ट निफ्टी (Gift Nifty) पर दबाव देखने को मिल रहा है और ये रेड जोन में दिखा. हालांकि, अमेरिकी बाजारों की अगर बात करें, तो US Inflation के आंकड़े आने के बाद डाउ जोन्स और S&P 500 इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए, लेकिन Nasdaq लाल निशान पर गिरावट के साथ बंद हुआ.
इन सब संकेतों के चलते गुरुवार को भी भारतीय शेयर बाजार में सुस्ती देखने को मिल सकती है. विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने और बड़ी-बड़ी कंपनियों के सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजों का असर भी बाजार पर लगातार देखने को मिल रहा है. एक्सपर्ट्स भी कह रहे हैं कि जब तक FIIs की निकासी थमती नहीं है, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है.
निफ्टी हाई से 10 फीसदी टूटा
शेयर बाजार में भले ही बीते दो दिनों से लगातार बड़ी गिरावट आ रही है, लेकिन एक-दो दिनों को छोड़ दें, तो पिछले करीब डेढ़ महीने से ज्यादा समय से बाजार टूटने का सिलसिला जारी है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस अवधि में Nifty अपने 52 वीक के हाई लेवल 26,277 से करीब 10 फीसदी टूट चुका है. वहीं दूसरी ओर Sensex की अगर बात करें, तो ये अपने ऑल टाइम हाई 85,978 से 8,288 अंक तक गिर गया है.
नुकसान की बात करें, तो बीते 27 सितंबर को बीएसई मार्केट कैप 477 लाख करोड़ रुपये था, जो अब 13 नवंबर 2024 तक घटकर 432 लाख करोड़ रुपये पर आ चुका है. यानी कि इस अवधि में निवेशकों की वैल्यूवेशन में 45 लाख करोड़ की कमी हुई है. सीधे शब्दों में कहें तो निवेशकों के 45 लाख करोड़ डूबे हैं.
बाजार में क्यों हर रोज आ रही गिरावट?
शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजह बड़ी-बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे खराब आए हैं. रिलायंस से लेकर एशियन पेंट्स और इंडसइंड बैंक के नतीजों ने सबसे ज्यादा डराया है. दूसरा बड़ा कारण अमेरिकी 10 वर्षीय बॉन्ड की पैदावार में उछाल आया और डॉलर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. निवेशक डॉलर की मजबूती को लेकर भी चिंतित हैं, क्योंकि एक्सपर्ट्स उम्मीद जता रहे हैं कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद मजबूत अमेरिकी आर्थिक विकास और आक्रामक व्यापार नीतियों के कारण महंगाई बढ़ेगी. इसके अलावा भारत में महंगाई दर RBI के तय दायरे को पार कर चुकी है.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)
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