नहीं रहे ‘हमारे बजाज’, राहुल बजाज का 83 वर्ष की आयु में निधन

बजाज समूह के मानद चेयरमैन राहुल बजाज (Rahul Bajaj) अब हमारे बीच नहीं रहे. हिंदुस्तान की आवाम के बीच ‘हमारा बजाज’ के स्लोगन को पॉपुलर बनाने वाले राहुल बजाज की आयु 83 वर्ष थी.

Advertisement
उद्योगपति राहुल बजाज (File Photo : Bajaj Group) उद्योगपति राहुल बजाज (File Photo : Bajaj Group)

पंकज खेळकर

  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST
  • दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से की थी पढ़ाई
  • एमबीए करने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी गए थे बजाज
  • 10 जून 1938 को हुआ था राहुल बजाज का जन्म

बजाज समूह (Bajaj Group) के मानद चेयरमैन राहुल बजाज (Rahul Bajaj) अब हमारे बीच नहीं रहे. सन् 1965 में बजाज ग्रुप की बागडोर संभालने वाले राहुल बजाज की आयु 83 वर्ष थी. बजाज को निमोनिया के साथ-साथ हृदय संबंधी परेशानी भी थी. उन्हें पिछले महीने ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने आज दोपहर ढाई बजे अंतिम सांस ली.

नेहरू ने रखा था ‘राहुल’ नाम
राहुल बजाज का जन्म 1938 में हुआ था. उनके दादा जमनालाल बजाज स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने 1926 में बजाज कंपनी की शुरुआत की थी. जमनालाल बजाज के बेटे कमलनयन बजाज ने 1942 में बजाज ग्रुप को संभाला और इसके कुछ समय बाद Bajaj Auto की शुरुआत हुई. राहुल बजाज ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें राहुल नाम देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिया था. उनके परिवार के नेहरू के साथ अच्छे तालुक्कात थे.

Advertisement

सेंट स्टीफंस से की पढ़ाई
राहुल बजाज ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की. इसके बाद उन्होंने बॉम्बे यूनिर्सिटी से भी पढ़ाई की. एमबीए की पढ़ाई करने के लिए वो अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल गए. उसके बाद 1965 में जब वो लौटकर आए तो बजाज ऑटो में काम करना शुरू किया और 1968 में कंपनी के सीईओ बने.

‘हमारा बजाज’ ने पहुंचाया घर-घर
बजाज ऑटो पहले मुख्य तौर पर 3-व्हीलर्स का काम करती थी. आज भी वह दुनिया की सबसे बड़ी 3-व्हीलर एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी है. लेकिन 1972 में बजाज ऑटो ने ‘चेतक’ ब्रांड नाम का स्कूटर इंडियन मार्केट में उतारा. इस स्कूटर ने बजाज को देश के कोने-कोने और घर-घर में पहचान दिलाई.

बजाज चेतक के लिए कंपनी ने मार्केटिंग स्ट्रैटजी के तौर पर ‘हमारा बजाज’ स्लोगन तैयार किया. इस स्लोगन ने कई पीढ़ियों तक लोगों के मन पर राज किया. आज भी इसे हिंदुस्तान के सबसे सफल मार्केटिंग कैंपेन में से एक माना जाता है.

Advertisement

2005 में बच्चों को सौंपी जिम्मेदारियां
राहुल बजाज ने 2005 में कंपनी में अपनी जिम्मेदारियां बेटे राजीव बजाज और संजीव बजाज को दे दी थीं. वर्ष 2008 में उन्होंने बजाज ग्रुप का बंटवारा बजाज ऑटो, बजाज फिनसर्व और एक होल्डिंग कंपनी में कर दिया था. वर्ष 2021 में उन्होंने बजाज ऑटो के गैर-कार्यकारी चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दे दिया था. लेकिन वह कंपनी के मानद चेयरमैन बने रहे.

राहुल बजाज को खरी-खोटी और साफ-साफ बात करने वाले उद्योगपति के तौर पर जाना जाता है. वो देश में किसी भी मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय जाहिर किया करते थे. राजनीति में भी उन्होंने अपना योगदान दिया और राज्यसभा के सांसद रहे. इसके अलावा उद्योग जगत में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

उनके निधन पर राजनीति और उद्योग जगत से अलग-अलग लोगों ने संवेदनाएं जाहिर की हैं. इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी शामिल हैं.

कोविंद बोले ‘छोड़ गए शून्य’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर राहुल बजाज को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि उनके चले जाने से उद्योग की दुनिया में एक शून्य रह गया है.

पीएम मोदी ने बताया ‘बातचीत का माहिर’
राहुल बजाज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने राहुल बजाज के योगदान को अतुलनीय कहा. साथ ही कहा कि वे बातचीत में बेहद निपुण व्यक्ति थे.

Advertisement

नितिन गडकरी ने बताया ‘समाजसेवी उद्योजक’
राहुल बजाज के निधन पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें यशस्वी उद्योजक, और समाजसेवी बताया. उन्होंने लिखा कि पद्म भूषण से सम्मानित राहुल जी से मेरे अनेक वर्षों से व्यक्तिगत संबंध रहे हैं. विगत पांच दशकों से बजाज ग्रुप का नेतृत्व करने वाले राहुल जी का उद्योग जगत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को संबल दे. ॐ शांति’

राहुल गांधी ने बताया देश का नुकसान
कांग्रेस पार्टी से सांसद राहुल गांधी ने राहुल बजाज के जाने को देश के लिए बड़ा नुकसान करार दिया. उन्होंने भी उनके परिवार के लिए संवेदना व्यक्त की.

मिलिंद देवरा ने शेयर की ये पुरानी तस्वीर
राहुल बजाज के निधन पर अपनी संवेदना जाहिर करते हुए मिलिंद देवरा ने लिखा, ‘ देश में सबसे खरा बोलने वाले उद्योगपति राहुल बजाज नहीं रहे, इस खबर ने मुझे बहुत उद्वेलित किया है. हम में से कई लोगों को मालूम था कि राहुल अंकल की तबीयत ठीक नहीं है, लेकिन उनके निधन की खबर एक शॉक की तरह है. मेरी संवेदनाएं सुनयना और मनीष, राजीव और संजीव के साथ हैं.’

ये भी पढ़ें: 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement