गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ है, जिसकी लाइव तस्वीरें डराने वाली हैं. इस प्लेन में 242 लोग सवार थे, जिसमें 12 क्रू मेंम्बर्स (दो पायलट समेत) और 230 यात्री शामिल थे. घटना के कुछ देर बाद Air India ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी दी है.
एअर इंडिया ने कहा कि अहमदाबाद-लंदन गैटविक उड़ान भरने वाली फ्लाइट AI171 आज, 12 जून 2025 को एक दुर्घटना में शामिल थी. इस समय, हम विवरणों का पता लगा रहे हैं और http://airindia.com और हमारे एक्स हैंडल (https://x.com/airindia) पर जल्द से जल्द आगे की अपडेट शेयर करेंगे.
बताया जा रहा है कि AIR INDIA प्लेन क्रैश में Boeing का 787 ड्रीमलाइनर शामिल था. यह पहला मामला नहीं है जब बोइंग के विमान क्रैश हुए हों. इससे पहले कई बार बोइंग के विमान क्रैश हो चुके हैं. इससे ठीक पहले साल 2024 में साउथ कोरिया में Boeing का विमान क्रैश हुआ था, जिसमें लगभग 180 लोगों की जान चली गई थी. इसमें बोइंग का 737-800 एयरक्राफ्ट शामिल था, जो 737 मैक्स का एक नया वर्जन है.
साल 2018 और 2019 में हुआ था क्रैश
वहीं पिछले साल जनवरी में एक अलग घटना में उड़ान के दौरान एक 737 मैक्स के दरवाजे का प्लग उड़ गया था. इसके अलावा, 2018 और 2019 में भी Boeing 737 Max का विमान क्रैश हुआ था, जिनमें लायन एयर फ्लाइट 610 और इथियोपियन एयरलाइंस फ्लाइट 302 शामिल थीं, जिसके कारण विमान को बोइंग के इस विमान को रोकना पड़ा था और कंपनी को 30 अरब डॉलर तक का नुकसान हुआ था. 2018 और 2019 की दुर्घटना के दौरान 189 और 157 लोगों की जान गई थी. हालांकि अभी यह Boeing 737- 800 से परिचालन में है.
आखिर बोइंग के विमानों में क्या है खराबी?
जब बोइंग के विमान लगातार क्रैश हो रहे थे तो Boeing 737 Max की जांच की गई. जांच से मैन्युवरिंग कैरेक्टरिस्टिक्स ऑग्मेंटेशन सिस्टम (MCAS) से जुड़ी एक समस्या सामने आई. इस सिस्टम ने मैनुअली लैंडिंग पर निर्भरता कम कर दी थी, लेकिन पायलटों को इसके बारे में ज्यादा ब्रीफिंग नहीं की गई थी. आलम ये हुआ कि 2018 और 2019 में 346 यात्री और क्रू मेंबर्स की जान चली गई. इस हादसे के बाद इस विमान का संचालन रोक दिया गया था. बाद में इसे अपडेट करके Boeing 737-800 के नाम से परिचालन में लाया गया.
वहीं अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में Boeing का 787 ड्रीमलाइनर शामिल है. जिसकी पहले कभी क्रैश की Crash होने की कहानी नहीं रही है. ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद अहमदाबाद हादसे का खुलासा हो सकेगा.
पहले ही Boeing विमानों को लेकर आए थे अलर्ट
इस दुर्घटना ने 787 की सुरक्षा के बारे में कठिन सवालों को फिर से जन्म दिया है. एक ऐसा विमान जिसके बारे में सालों से चेतावनियां आ रही थीं. 17 सालों से Boeing इंजीनियर सैम सालेहपुर का कहना है कि 787 के धड़ के कुछ हिस्सों को ठीक से नहीं जोड़ा गया था, जिससे विमान की संरचनात्मक को खतरा था. उनका दावा है कि कर्मचारियों ने टुकड़ों को जबरन जगह पर लगाया, जिसे लेकर 2020 से ही वे इसे लेकर खतरे का संकेत दे रहे थे. लेकिन उनका कहना है कि बोइंग ने उन्हें चुप रहने के लिए कहा.
वहीं पूर्व गुणवत्ता नियंत्रण इंजीनियर जॉन बार्नेट ने चेतावनी दी थी कि 25% तक आपातकालीन मास्क उड़ान में विफल हो सकते हैं. बार्नेट को विरोध का सामना करना पड़ा, और दुखद रूप से 2024 में उनकी मृत्यु हो गई. जिसके बाद उनके परिवार ने बोइंग के कार्यों से जुड़े मानसिक आघात का हवाला देते हुए मुकदमा दायर किया. बोइंग पार्टनर सुविधा में मैकेनिक रिचर्ड क्यूवास ने 2023 में 'घटिया निर्माण' की सूचना दी थी. जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.
जांच के बारे में क्या?
संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) इन दावों की सक्रिय रूप से जांच कर रहा है. सैम सालेहपुर के आरोपों के कारण 2024 में FAA द्वारा विशेष ऑडिट किया गया, जिसमें बोइंग के गुणवत्ता नियंत्रण और सुरक्षा में खामियों का पता चला. बोइंग ने जानबूझकर सुरक्षा से समझौता करने से इनकार किया, कहा कि 787 सुरक्षित है और स्थायित्व या लंबे समय के लिए कोई तत्काल जोखिम नहीं होने का दावा करता है. हालांकि अब इस बड़े दुर्घटना के बाद बोइंग एक बार फिर सवालों के घेरे में आ चुका है.
9000 से ज्यादा लोगों की जान गई
wisnerbaum.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी आंकड़ों के अनुसार बोइंग विमान दुनिया भर में लगभग 6,000 दुर्घटनाओं और घटनाओं में शामिल रहे हैं, जिनमें से 415 घातक थीं और 9,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है. दुनियाभर में फ्लाइट वाले हजारों यात्री विमानों में से कम से कम 4000 से ज्यादा विमान बोइंग 737-800 हैं. NYT की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका कुछ प्रमुख महाद्वीप हैं, जहां बोइंग विमानों का इस्तेमाल किया जाता है.
आजतक बिजनेस डेस्क