Air India के बाद अब बिक्री के लिए इस सरकारी कंपनी का नंबर, CEL के लिए मिला फाइनेंश‍ियल बिड 

वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) की 100 फीसदी हिस्सेदारी और मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर करने (government company for sale) के लिए सरकार को फाइनेंश‍ियल बिड हासिल हो गया है. 

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वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी (फाइल फोटो) वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 13 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST
  • एक और सरकारी कंपनी बिकेगी
  • CEL के लिए मिला बिड 

Government company for sale: एअर इंडिया (Air India) के सफल निजीकरण के बाद अब मोदी सरकार ने एक और सरकारी कंपनी सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) की बिक्री के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं. सरकार को इस कंपनी की बिक्री के लिए फाइनेंशियल बिड हासिल हो गए हैं. 

वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) की 100 फीसदी हिस्सेदारी और मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर करने के लिए सरकार को फाइनेंश‍ियल बिड हासिल हो गया है. 

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क्या कहा वित्त मंत्रालय ने 

 निवेश एवं लोक संपत्त‍ि प्रबंधन विभाग (DIPAM) सचिव तुहिन कांत पांडे ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया, 'सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) के रणनीतिक विनिवेश के लिए फाइनेंश‍ियल बिड हासिल हो गया है. इसके लिए प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है.' 

क्या है शर्त 

अभ‍िरुचि पत्र (EoI) की शर्तों के मुताबिक इसे खरीदने वाली कंपनी के पास मार्च 2019 तक कम से कम 50 करोड़ का नेटवर्थ होना चाहिए. वह अगले तीन साल तक CEL में खरीदी गई हिस्सेदारी को किसी और को नहीं बेच सकती. 

क्या करती है कंपनी 

गौरतलब है कि Central Electronics Limited केंद्र सरकार की इंजीनियरिंग कंपनी है. इसका कारखाना यूपी के गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद में स्थ‍ित है. यह कंपनी सोलर फोटोवोल्टेइक्स, ferrites और piezo ceramics बनाती है. इसने साल 1977 में भारत में पहली बार सोलर सेल और 1978 में सोलर पैनल का निर्माण किया था.

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इसी ने भारत में पहली बार साल 1992 में एक सोलर प्लांट की स्थापना की थी. इसने साल 2015 में पहली बार crystalline फ्लेक्सिबल सोलर पैनल का उत्पादन किया था जिसका उत्पादन ट्रेनों की छतों पर लगाकर ऊर्जा हासिल करने के लिए किया जाता है. हालांकि यह सरकारी कंपनी लगातार कई साल घाटे में रही जिसकी वजह से सरकार ने इसे बेचने का निर्णय लिया है. 

 

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