Budget: मिडिल क्लास को टैक्स से राहत क्यों नहीं? महाभारत के इस श्लोक में छुपा है जवाब!

Union Budget 2022: देश का मध्य वर्ग एक बार फिर इंतजार करता रह गया. बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे मिडिल क्लास को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से कुछ नहीं मिला है. वित्त मंत्री ने करदाताओं को सरकार का सहयोग करने के लिए धन्यवाद जरूर दिया, साथ ही उन्होंने महाभारत का एक श्लोक पढ़कर बताया कि सरकार के लिए टैक्स लेेना क्यों जरूरी है?

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लोकसभा में बजट पेश करतीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो-लोकसभा टीवी) लोकसभा में बजट पेश करतीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो-लोकसभा टीवी)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST
  • टैक्स स्लैब में इस बार भी कोई बदलाव नहीं
  • टैक्स में पुरानी गलतियों को सुधारने का मिलेगा मौका
  • महाभारत के श्लोक से वित्त मंत्री ने करदाताओं को समझाया

केंद्र सरकार के बजट से देश का मिडिल क्लास पिछले 8 सालों से टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद लगाए बैठा है. लेकिन इस बार भी मध्य वर्ग को टैक्स में कोई राहत नहीं मिली है.  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान बताया कि आखिर मध्य वर्ग को टैक्स में राहत क्यों नहीं दी गई है. वित्त मंत्री ने महाभारत के एक श्लोक का उदारहण देते हुए कहा कि राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करना चाहिए.

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इससे पहले वित्त मंत्री ने देश के करदाताओं का आभार किया और कहा कि उन्होंने जरूरत की इस घड़ी में सरकार के हाथों को मजबूत किया है. 

वित्त मंत्री ने कहा, "मैं इस अवसर पर देश के सभी करदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहती हूं जिन्होंने अत्यधिक सहयोग दिया है और जरूरत की इस घड़ी में अपने साथी नागरिकों की सहायता करके सरकार के हाथों को मजबूत किया है."

 टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं, मिडिल क्लास को मायूसी, कॉरपोरेट को राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महाभारत के शांति पर्व के अध्याय 72 के श्लोक 11 का पढ़ते हुए अपनी बात समझाई. उन्होंने कहा-

 दापयित्वाकरंधर्म्यंराष्ट्रंनित्यंयथाविधि।
अशेषान्कल्पयेद्राजायोगक्षेमानतन्द्रितः॥११॥

यानी कि, 'राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करने के साथ-साथ, राज धर्म के अनुसार शासन करके लोगों के योगक्षेम (कल्याण) के लिए अवश्य व्यवस्थाएं करनी चाहिए.'

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निर्मला सीतारमण ने कहा,"अपने प्राचीन ग्रंथों से ज्ञान एवं मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए हमने प्रगति के पथ पर चलना जारी रखा है. इस बजट के प्रस्तावों का उद्देश्य स्थिर और जानी-पहचानी कर व्यवस्था की हमारी घोषित नीति पर कायम रहते हुए, और अधिक ऐसे सुधारों को लाना है जो एक विश्वसनीय कर व्यवस्था स्थापित करने की हमारी संकल्पना को आगे बढ़ा सके. यह कर प्रणाली को और भी अधिक सरल बनाएगा, करदाताओं को स्वैच्छिक अनुपालन के लिए प्रोत्साहित करेगा, और मुकदमेबाजी को कम करेगा. 

अब 2 साल पुरानी गलती को भी कर सकेंगे ठीक

वित्त मंत्री ने कर प्रणाली को लचीला बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि कुछ करदाताओं को यह महसूस हो सकता है कि उन्होंने कर अदायगी के लिए अपनी आमदनी का ठीक-ठीक आकलन करने में चूक या गलतियां की हैं. ऐसी गलतियों को सुधारने का मौका देने के लिए मैं अतिरिक्त कर की अदायगी करके अपडेटेड टैक्स स्टेटमेंट दाखिल करने के लिए करदाताओं को अनुमति देने के एक नए प्रावधान का प्रस्ताव कर रही हूं. अब करदाता 2 साल पुराने टैक्स रिटर्न में भी सुधार कर सकेंगे.

 

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