बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद Jan Suraaj पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा, 'जब तक आप हार मानेंगे नहीं, तब तक आप पराजित नहीं हैं.' उन्होंने हार मानने की बजाय विपक्ष में सक्रिय भूमिका निभाई और जीतने वाली JD(U)-BJP गठबंधन को चुनौती दी. तेजस्वी यादव और राहुल गांधी चुनाव परिणाम के बाद सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए.
महिलाओं के लिए PK का अभियान और उपवास
प्रशांत किशोर ने कहा कि वे महिलाओं को पैसे दिलवाएंगे जिनका वादा सरकार ने किया है. उन्होंने नीतीश कुमार सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के साथ 24 घंटे का मौन और उपवास करने की योजना बनाई. PK भितरवारा, पश्चिमी चंपारण में उपवास करेंगे, जो 1917 में महात्मा गांधी के सत्याग्रह से जुड़ा है.
जन सुराज पार्टी का प्रदर्शन और PK की जिम्मेदारी
चुनाव में जन सुराज पार्टी कोई सीट नहीं जीत सकी, लेकिन 3.34% वोट हासिल कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. 236 उम्मीदवारों ने अपने जमा किए गए फ़ीस खो दी, लेकिन पार्टी के कई उम्मीदवार तीसरे स्थान पर 129 सीटों और एक सीट पर दूसरे स्थान पर आए. PK ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए NDA को बधाई दी और पार्टी को सतर्कता का प्रतीक बनाया.
NDA को चुनौती और छह महीने की चेतावनी
PK ने कहा, 'अगर नीतीश सरकार 1.5 करोड़ महिलाओं को 2 लाख रुपये देती है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. अगर योजना लागू होती है, तो मैं बिहार छोड़ दूंगा.' उन्होंने सरकार को छह महीने की समयसीमा दी. PK ने जीविका, आशा वर्कर्स और अन्य अधिकारियों को 'सहारा एजेंट' कहा और महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 9121691216 साझा किया.
तेजस्वी और राहुल की गैरमौजूदगी
चुनाव परिणाम के बाद राहुल गांधी ने इसे आश्चर्यजनक बताया और प्रक्रिया को 'अनुचित' बताया. तेजस्वी यादव ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. उनके परिवार में उठ रहे विवाद और घर की समस्याओं के कारण वे कार्यकर्ताओं से नहीं मिले. इस खालीपन को PK ने भरते हुए विपक्ष में अपनी सक्रिय भूमिका दिखाई.
संघर्ष का समय और भविष्य की रणनीति
PK ने कहा, 'हमने गलतियां की होंगी, लेकिन हमने विभाजनकारी राजनीति नहीं की. आज झटका है, लेकिन भविष्य में हमारी जीत होगी. हमने तीन साल मेहनत की, अब उसे दुगना मेहनत से पूरा करेंगे. अब सलाह का समय खत्म, संघर्ष का समय शुरू.'
PK का विपक्षी नेता के रूप में मजबूती से उभरना
प्रशांत किशोर 20 नवंबर को पश्चिमी चंपारण में उपवास कर वे गांधी के सत्याग्रह स्थल से प्रेरणा लेंगे. हेल्पलाइन नंबर साझा कर उन्होंने सरकार पर छह महीने की समयसीमा रखी. वर्तमान में PK न केवल विपक्ष के नेता हैं, बल्कि बिहार में सबसे ऊंचे विपक्षी नेता के रूप में उभरकर सामने आए हैं.
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