पटना और पटना सिटी इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार 20वें दिन भी जारी रही. प्रशासन ने बुधवार को पटना सिटी के चौक थाना क्षेत्र स्थित सब्जी मंडी और अगमकुआं थाना क्षेत्र के मीत बाजार में एक साथ बुलडोजर चलाया. सब्जी मंडी में सड़क किनारे लगाए गए ठेलों और खुली सड़क पर सब्जी बेच रहे दुकानदारों के सामान को नगर निगम की टीम ने हटाया.
वहीं, अगमकुआं इलाके में जब टीम मछली बाजार में अतिक्रमण हटाने पहुंची, तो कई दुकानदारों ने खुद दुकानें समेटने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बुलडोजर से दुकानें तोड़नी शुरू कर दी.
यह भी पढ़ें: जानवरों की विंटर केयर...कंबल-हीटर और स्पेशल डाइट की व्यवस्था, पटना जू में क्या-क्या
दुकानदारों का आक्रोश, रोते-बिलखते कर रहे विरोध
अगमकुआं मछली बाजार में कार्रवाई के दौरान एक पुरुष और एक महिला दुकानदार फूट-फूटकर रोने लगे. दुकानदारों ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है और बिना विकल्प दिए रोज़ी-रोटी छीन रही है. एक दुकानदार ने गुस्से में कहा, इसीलिए हमलोग बीजेपी को बिहार में जिताए थे? हमलोगों के ऊपर ही बुलडोजर चढ़ा दीजिए, या हम पूरा परिवार लेकर राज्यपाल के आवास के बाहर जहर खाकर मर जाएंगे.
महिला दुकानदार सीमा देवी ने कहा कि सरकार पहले उन्हें दुकान लगाने के लिए सुरक्षित स्थान दे, उसके बाद उनकी दुकान तोड़े. उन्होंने कहा, हमारे पास और कोई रोजगार नहीं है. अगर बच्चों का पेट नहीं भरेगा तो वो चोर-डकैत ही बनेंगे.
प्रशासन का दावा- शांतिपूर्ण तरीके से हटाया जा रहा अतिक्रमण
नगर निगम के राजस्व पदाधिकारी रवि भूषण प्रसाद ने बताया कि पूरे शहर में शांतिपूर्ण तरीके से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह अभियान 31 दिसंबर 2025 तक लगातार जारी रहेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर को जाम और अव्यवस्थित बाजारों से मुक्ति दिलाने के लिए सख्त कार्रवाई जरूरी है.
अधिकारी बोले- पहले ही दी गई थी चेतावनी
पटना सिटी अंचल के अंचलाधिकारी चंदन कुमार ने बताया कि सब्जी मंडी में दुकानदारों ने सड़क पर स्थायी रूप से कब्जा कर रखा था. दो दिन पहले सभी को जगह खाली करने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन दुकानदारों ने निर्देश का पालन नहीं किया. उन्होंने कहा कि सड़कें आम जनता की हैं और उन्हें अवैध रूप से घेरकर व्यवसाय नहीं किया जा सकता. इसी वजह से आज बुलडोजर चलाकर जगह खाली कराई गई.
पटना में लगातार चल रहा यह अभियान अब इलाके में बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है. एक ओर प्रशासन इसे शहर सुधारने की जरूरत बता रहा है, वहीं दूसरी ओर रोजगार खोने से परेशान छोटे दुकानदार खुद को सबसे ज्यादा प्रभावित मान रहे हैं.
राजेश कुमार झा