बिहार में तीन दिनों के सियासी ड्रामे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपार राजेद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया जिसके बाद महागठबंधन की सरकार गिर गई. अब नीतीश कुमार आज शाम में एनडीए के समर्थन से एक बार फिर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं.
रविवार की सुबह सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने लालू यादव की पार्टी पर जमकर निशाना साधा. नीतीश कुमार ने राजभवन से बाहर आकर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'हमारी पार्टी की राय के बाद मैंने इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि सरकार के सभी कामों का क्रेडिट वहीं (आरेजडी) ले रही थी, मैं काम कर रहा था लेकिन मुझे काम नहीं करने दिया जा रहा था, दोनों तरफ तकलीफ थी.'
एक ही पार्टी ले रही थी क्रेडिट: नीतीश
नीतीश कुमार ने राजभवन से बाहर आने के बाद कहा, 'आप सब लोगों को बता देते हैं आज हमने इस्तीफा दे दिया और जो सरकार थी वो समाप्त हो गई. इस्तीफा देने की नौबत इसलिए आई क्योंकि सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. हमने कुछ बोलना छोड़ दिया था, सबकी राय आ रही थी, पार्टी की राय थी चारों तरफ से कहा जा रहा था जिसके बाद हमने ये फैसला लिया.'
उन्होंने कहा, 'जो गठबंधन डेढ़ साल पहले बनाया था उसमें भी इधर आकर स्थिति ठीक नहीं लग रही थी. जिस तरह का दावा किया जा रहा था एक पार्टी की तरफ से वो हमलोगों को खराब लग रहा था.'
बता दें कि नीतीश कुमार के इस्तीफा देने के बाद अब वो एनडीए के विधायकों का समर्थन पत्र लेकर राजभवन जा सकते हैं जहां वो राज्यपाल को विधायकों का हस्ताक्षर वाला पत्र सौपेंगे.
खासबात ये है कि चार साल में नीतीश कुमार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. नीतीश के इस्तीफा देने के बाद बीजेपी विधायकों की बैठक हुई जिसमें बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया है. सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा दोनों नई सरकार में बीजेपी की तरफ से डिप्टी सीएम भी होंगे.
इसके बाद रविवार की शाम को ही नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. बिहार के राजनीतिक समीकरण की बात करें तो बीजेपी के पास विधानसभा की 78 सीटें हैं जबकि जेडीयू के पास 45 विधायक हैं.
वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी हम के पास 4 विधायक हैं. अगर इन सबको जोड़े दें ते ये आकंडा 127 का होता है जो बहुमत से 5 ज्यादा है.
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