केंद्रीय बजट 2024-25 में मोदी सरकार ने बिहार के लिए अपना खजाना खोल दिया है. बिहार को चार एक्सप्रेसवे (26 हजार करोड़), पावर प्रोजेक्ट (21400 करोड़) विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर, एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज समेत कई तोहफे केंद्र सरकार ने दिए हैं. लेकिन इस बजट में जो सबसे खास बात है वो ये है कि बिहार की सबसे बड़ी समस्या पर भी मोदी सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है. बिहार को बाढ़ से बचाने के लिए मोदी सरकार ने इस बजट में बड़ा ऐलान किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यों में बाढ़ नियंत्रण उपायों और सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ाने के लिए 11,500 करोड़ रुपये की व्यापक वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. इन परियोजनाओं में कोसी-मेची अंतर-राज्य लिंक और 20 अन्य चालू योजनाएं शामिल हैं, कोसी नदी में बाढ़ से संबंधित रोकथाम और सिंचाई का सर्वेक्षण और जांच करने का ऐलान किया गया है.
बजट भाषण में सीतारमण ने कहा, 'बिहार अक्सर बाढ़ से पीड़ित होता है, इसमें पड़ोसी देश से आने वाले पानी की भी भूमिका होती है. इसी वजह से नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजना अभी तक आगे नहीं बढ़ी है लेकिन अब कोसी नदी में बाढ़ नियंत्रण के लिए रोकथाम के उपाय किए जाएंगे.
बिहार की शोक कही जाती है कोसी नदी
बता दें कि कोसी नदी को बिहार का शोक कहा जाता है जिसमें हर साल नेपाल द्वारा छोड़ गए पानी की वजह से बाढ़ आ जाती है और बिहार का उत्तर पूर्वी क्षेत्र इससे बुरी तरह प्रभावित हो जाता है. पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है और लाखों लोगों को वहां से विस्थापित होना पड़ता है. उस क्षेत्र के लोग दशकों से बाढ़ का दंश झेल रहे हैं और कोसी नदी पर नया बांध बनाने की मांग करते रहे हैं जिस पर इस बार मोदी सरकार ने व्यापक ध्यान दिया है. गंडक नदी भी बिहार के कुछ हिस्सों में मानसून के मौसम में कोहराम मचाती है.
इसके अलावा असम भारत के बाहर से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के कारण बाढ़ से जूझता है, वहां भी बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता मिलेगी. सीतारमण ने कहा, 'हम बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए असम को सहायता प्रदान करेंगे.'इसी तरह तमाम वैसे दूसरे राज्यों की भी मदद की जाएगी जहां हर साल बाढ़ से भारी नुकसान पहुंचता है.
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