बिहार में बेतिया जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां मैनाटांड़ थाना क्षेत्र से पुलिस ने उस गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों की जिंदगी से खेलते हुए फर्जी शादियां कराता था. पुलिस ने छापेमारी कर गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 5 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं.
दरअसल, यह गिरोह भोले-भाले और अकेले पड़े पुरुषों को शादी कराने का लालच देता था. गिरोह ज्यादातर उन पुरुषों को निशाना बनाता था जो अकेले थे या शादी की उम्र पार कर चुके होते. फिर शादी के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती और तय तारीख पर बाकायदा शादी करा दी जाती. लेकिन असली ठगी तब होती जब 'दुल्हन' ससुराल पहुंचने के कुछ ही दिनों बाद गहने-जेवर और कीमती सामान लेकर फरार हो जाती. परिवार न सिर्फ आर्थिक नुकसान झेलता बल्कि सामाजिक शर्मिंदगी भी उठाता.
एसडीपीओ नरकटियागंज प्रकाश सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना पर की गई इस कार्रवाई में पता चला है कि बेतिया के मैनाटांड़ में फर्जी शादी कराई जा रही है. ऐसे में पुलिस की टीम शादी के समय सादे लिबास में पहुंच गई. जैसे ही शादी की प्रक्रिया शुरू हुई, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी को दबोच लिया. जिसमें मास्टरमाइंड बौधवरवा गांव निवासी अली अहमद है. यह सिर्फ बगहा और बेतिया ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी सक्रिय रहा है. ठगी के लिए लड़कियां बुलवाई जाती थीं और इनमें से कई महिलाएं पहले से शादीशुदा थीं. उनका एकमात्र काम था 'दुल्हन बनना और ठगना.'
छापेमारी के दौरान पुलिस ने गिरोह से एक बोलेरो, दो बाइक और नौ मोबाइल फोन जब्त किए हैं. जब्त मोबाइल से अन्य नेटवर्क और संभावित पीड़ितों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. गिरफ्तार आरोपियों में पांच पुरुष और चार महिलाएं शामिल हैं. सभी को जेल भेज दिया गया है. इस कार्रवाई में मैनाटांड़ थानाध्यक्ष शंभु शरण गुप्ता, शिकारपुर थानाध्यक्ष ज्वाला कुमार सिंह, एसआई अनिता कुमारी समेत पुलिस की टीम ने अहम भूमिका निभाई.
अभिषेक पाण्डेय