बिहार: फर्जी राशन कार्ड धारकों की होगी छुट्टी, 30 दिसंबर तक करा लें e-KYC, वरना कट जाएगा नाम

बिहार सरकार ने अपात्र राशन कार्डधारकों को हटाने के लिए 17 से 30 दिसंबर तक विशेष ई-केवाईसी अभियान चलाया हुआ है. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी लाभुकों की आधार सीडिंग और RCMS डेटा के भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया है.

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बिहार में संदिग्ध कार्डों का भौतिक सत्यापन होगा (Photo-ITG) बिहार में संदिग्ध कार्डों का भौतिक सत्यापन होगा (Photo-ITG)

रोहित कुमार सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है. अब राज्य में राशन कार्ड रखने वाले उन अपात्र लोगों के नाम काटे जाएंगे जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. 

विभाग ने 17 से 30 दिसंबर 2025 तक विशेष ई-केवाईसी (e-KYC) अभियान चलाने का निर्देश दिया है. भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए 'संदिग्ध राशन कार्ड प्रबंधन प्रणाली' (RCMS) डेटा के आधार पर अब भौतिक सत्यापन किया जाएगा. 

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अनुमंडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे कैंप मोड में संदिग्ध कार्डों की जांच करें. इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य उन लोगों की पहचान करना है जो पात्र न होते हुए भी राशन का लाभ ले रहे हैं.

आम जनता के लिए जरूरी निर्देश

सभी राशन कार्डधारियों के लिए 30 दिसंबर तक आधार सीडिंग यानी ई-केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है. निर्देश में कहा गया है कि कैम्प मोड में अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्ध संदिग्ध राशन कार्ड प्रबंधन प्रणाली डेटा (आरसीएमएस डाटा) का भौतिक सत्यापन कराकर त्वरित निराकरण करें.

यह भी पढ़ें: 'आधार, वोटर-ID, राशन कार्ड को भी प्रूफ मानें', SC का सुझाव, जानें- बिहार वोटर वेरिफिकेशन को मंजूरी देते हुए क्या-क्या कहा?

साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आच्छादित सभी लाभार्थियों की शत-प्रतिशत e-KYC पूर्ण कराना भी सुनिश्चित कराएं.

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अभियान की सफलता के लिए लाभार्थियों / कार्डधारियों के बीच सूचना का व्यापक प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों से सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है, ताकि अधिक से अधिक लाभुक कैंप में उपस्थित होकर e-KYC  प्रक्रिया पूर्ण करा सकें. माना जा रहा है कि, इस पहल से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अपात्रता की पहचान हो सकेगी वहीं पात्र लाभुकों को समय पर लाभ मिलेगा.
 

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