बिहार विधानसभा में गुरुवार को उस समय तनाव पैदा हो गया जब आरजेडी के एक विधायक ने मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित सीट पर बैठने की धमकी दी, जिससे हंगामा शुरू हो गया. जिसके बाद सदन में मार्शल बुलाए गए और आरजेडी विधायक को बाहर कर दिया गया. जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी गुस्से में सदन से बाहर निकल आए.
बिहार विधानसभा के प्रश्नकाल के बाद जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन से बाहर चले गए. उसके बाद आरजेडी के सीनियर नेता आलोक मेहता अपनी कुर्सी पर खड़े होकर अपनी पार्टी के बागी विधायकों के सत्ता पक्ष की सीटों पर बैठने को लेकर आपत्ति जताने लगे.
मेहता ने कहा, "सदन में बैठने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए. अगर लोग अपनी इच्छा से अपनी सीटें लेंगे, तो इससे अराजकता पैदा होगी." इसको लेकर महागठबंधन के विधायक वेल में आ गए और हंगामा करने लगे. अचानक शुरू हुए इस हंगामे से स्पीकर नंदकिशोर यादव भी हैरान रह गए और उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा कि जब तक वे अपनी सीटों पर वापस नहीं जाएंगे, उनकी कोई भी बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी.
RJD विधायक CM की कुर्सी तक पहुंच गए
इसी दौरान आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित सीट के पास खड़े हो गए और ऐसे पोज देने लगे, जैसे वह वहां बैठने जा रहे हों. इसको लेकर स्पीकर ने धमकी भरे लहजे में कहा कि ऐसा मत करो, इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इसके बाद स्पीकर ने मार्शल बुलाकर विधायक को सदन से बाहर करवा दिया और सदन को स्थगित करवा दिया.
बागियों पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई? तेजस्वी ने पूछा
वहीं इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी शिकायत आरजेडी के उन विधायकों को लेकर है, जो एनडीए में चले गए और सत्ता पक्ष की ओर बैठते हैं. हम उनके खिलाफ स्पीकर को चिट्ठी लिख चुके हैं कि उनकी सदस्यता रद्द की जाए, लेकिन स्पीकर ने उनकी सदस्यता रद्द करने के बजाय उन्हें सत्ता पक्ष की ओर बैठने के लिए सीटें आरक्षित कर दीं. जबकि हमारी याचिका पर अबतक स्पीकर ने कोई फैसला नहीं किया.
CM की कुर्सी पर बैठने का पोज देने वाले RJD विधायक ने क्या कहा?
तेजस्वी ने कहा, इन बागी विधायकों को सत्ता पक्ष में बैठने की अनुमति देना मनमाना और एकतरफा था. उन्होंने दावा किया कि स्पीकर ने आश्वासन दिया है कि जल्दी ही इन शिकायतों पर गौर किया जाएगा. वहीं सीएम की कुर्सी पर बैठने वाला पोज देने वाले आरजेडी विधायक ने कहा कि मेरा इरादा चेतावनी देने का था न कि उस सीट पर कब्जा करना. स्पीकर को या तो बागियों को अयोग्य घोषित करना चाहिए या उन्हें दूसरी सीट लेने का निर्देश देना चाहिए.
aajtak.in