'अगर वो मुझसे कहे होते...', क्या 2020 में डीएम से सेटिंग कर मांझी ने अपने प्रत्याशी को जिताया था?

बिहार विधानसभा चुनाव में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को टिकारी सीट पर हार का सामना करना पड़ा, जिस पर पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी ने विवादित दावा किया है. मांझी ने कहा कि 2020 के चुनाव में जब अनिल कुमार 2700 वोटों से पीछे चल रहे थे, तब उन्होंने मदद मांगी थी और उनके हस्तक्षेप से री-काउंटिंग के बाद वह चुनाव जीत गए थे.

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केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दावा किया कि 2020 में जब अनिल कुमार हार रहे थे तो उन्होंने उनसे मदद मांगी थी. (File Photo: ITG) केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दावा किया कि 2020 में जब अनिल कुमार हार रहे थे तो उन्होंने उनसे मदद मांगी थी. (File Photo: ITG)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 19 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:48 AM IST

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें पांच पर उसकी जीत हुई. जिस एक सीट पर पार्टी की हार हुई वह टिकारी विधानसभा सीट थी, जहां से पार्टी के प्रत्याशी अनिल कुमार 2058 वोट से चुनाव हार गए.

2020 के विधानसभा चुनाव में अनिल कुमार टिकारी विधानसभा सीट से ही री-काउंटिंग के बाद 2630 वोट से चुनाव जीते थे. अनिल कुमार के टिकारी से चुनाव हारने को लेकर पिछले दिनों जीतन राम मांझी ने एक अजीबोगरीब दावा किया जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

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'अगर वह मुझसे कहे होते...'

गयाजी के एक कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने 2020 विधानसभा चुनाव में अनिल कुमार की जीत को लेकर दावा किया कि काउंटिंग के दौरान जब अनिल कुमार चुनाव हार रहे थे तो उन्होंने मांझी से संपर्क साधा था और चुनाव जीतने में मदद मांगी थी.

जीतन राम मांझी ने कहा, 'इस बार एक सीट हम लोग गलती से हार गए. अगर वह मुझसे कहे होते, जैसा उन्होंने 2020 में कहा था कि जब वह चुनाव हार रहे थे. उन्होंने मुझसे कहा था कि क्या कोई उपाय है तो मैंने उसे वक्त प्रयास किया था और वह चुनाव जीत गए थे.'

'मेरा प्रत्याशी तो घर चला गया था'

मांझी ने कहा, 'उस वक्त वह 2700 वोटों से हार रहे थे. इस बार वह केवल 1600 वोटों से हार रहे थे. मेरा दुर्भाग्य है, पता नहीं उनके दिमाग में क्या था. उन्होंने मुझसे बात भी नहीं की और मैदान छोड़कर भाग गए. 2020 में अभिषेक सिंह गयाजी के डीएम थे. इस वक्त वह त्रिपुरा में पोस्टेड हैं. उन्होंने मुझसे फोन करके बात की और कहा कि आप 2700 वोटों से पीछे थे. हम आपको जिता दिए. लेकिन इस बार आप केवल 1600 वोटों से पीछे थे तो क्या दिक्कत थी? मैंने अपना माथा ठोक लिया. मेरा प्रत्याशी तो घर चला गया था.'

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