बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच गई हैं. दूसरे चरण की 122 विधानसभा सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया सोमवार को यानी आज पूरी हो गई. इसके साथ ही पहले चरण की 121 सीटों पर नाम वापस लेने की अंतिम तारीख भी खत्म हो गई है.
बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी, जबकि पहले चरण में 6 नवंबर को मतदाता अपने वोट डालेंगे. नतीजों की घोषणा 14 नवंबर को की जाएगी.
चुनाव आयोग ने बताया कि पहले चरण में कुल 1375 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाए गए थे, जिनकी स्क्रूटनी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी.इनमें से 61 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए, जिसके बाद अंतिम सूची में 1314 उम्मीदवार रह गए हैं जो 6 नवंबर को होने वाले मतदान में अपनी किस्मत आजमाएंगे
JMM नहीं लड़ेगी बिहार चुनाव
इस बार एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम झारखंड से जुड़ा हुआ है.झारखंड की प्रमुख पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा न लेने का फैसला किया है.हालांकि पार्टी ने इससे पहले 18 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 6 सीटों जमुई, चकाई, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और कटोरिया पर चुनाव लड़ने का एलान किया था, लेकिन नामांकन की अंतिम तारीख (20 अक्टूबर) तक किसी उम्मीदवार की सूची जारी नहीं की गई.इसके मायने ये है कि JMM का एक भी उम्मीदवार इस बार बिहार चुनाव मैदान में नहीं होगा.
RJD और कांग्रेस पर JMM का हमला
18 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में JMM के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा था कि पार्टी बिहार में सीमित सीटों पर लड़ने को तैयार थी, मगर RJD और कांग्रेस ने समन्वय में धोखा किया.
उन्होंने दोनों दलों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि गठबंधन में विश्वास और संवाद की कमी ने हमें चुनाव से दूर रहने पर मजबूर किया.
दो चरणों में होगा मतदान
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है.राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में से पहले चरण में 121 सीटों, और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा. इनमें से 203 सीटें सामान्य, 38 सीटें अनुसूचित जाति (SC) और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं.
चुनाव आयोग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं जिनमें करीब 3.92 करोड़ पुरुष, 3.50 करोड़ महिलाएं, और 1,725 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं.
इन नेताओं ने लिया नामांकन वापस, देखें पूरी लिस्ट
बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही सोमवार को नाम वापस लेने का आखिरी दिन रहा. इस दौरान कई बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिले. जन सुराज और बीजेपी के बागी उम्मीदवारों में हलचल मच गई, कई नेताओं ने नामांकन वापस लेने का फैसला किया.
जन सुराज के उम्मीदवार मैदान से हटे
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को झटका लगा है.पार्टी के गोपालगंज सीट से उम्मीदवार शशि शेखर सिन्हा ने अपना नामांकन वापस ले लिया. इससे पहले ब्रह्मपुर सीट से डॉ. सत्य प्रकाश तिवारी भी चुनाव मैदान से हट चुके हैं.दानापुर सीट से भी जन सुराज के उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया, जबकि पार्टी का सिंबल जारी हो चुका था.इस तरह अब तक प्रशांत किशोर के तीन उम्मीदवार चुनावी दौड़ से बाहर हो चुके हैं.
डॉ. सत्य प्रकाश तिवारी को पहले बीजेपी से टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद उन्होंने जन सुराज से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था, लेकिन अब बीजेपी नेतृत्व से बातचीत के बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया.
बीजेपी के बागियों की वापसी
बीजेपी के लिए भी सोमवार राहत का दिन साबित हुआ.बक्सर विधानसभा सीट से बागी अमरेंद्र पांडे ने नामांकन वापस ले लिया.अमरेंद्र पांडे ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया था, लेकिन केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बातचीत के बाद उन्होंने पीछे हटने का निर्णय लिया.
इसी तरह पटना साहिब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शिशिर कुमार, जो पटना की मेयर सीता साहू के बेटे हैं, उन्होंने भी नाम वापस ले लिया.शिशिर कुमार बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद बगावत पर उतर आए थे, लेकिन आखिरकार पार्टी ने उन्हें मना लिया.
तारापुर और गोपालगंज में भी बदलाव
तारापुर विधानसभा सीट पर वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार सकलदेव बिंद ने भी नामांकन वापस ले लिया.उन्होंने बाद में बीजेपी में शामिल होकर सम्राट चौधरी का समर्थन किया.सकलदेव बिंद आरजेडी के प्रत्याशी अरुण कुमार यादव की उम्मीदवारी से नाराज थे.
वहीं, गोपालगंज सीट से बीजेपी विधायक की मां कुसुम देवी का टिकट कटने के बाद निर्दलीय मैदान में उतरे अनिकेत कुमार सिंह ने भी नामांकन वापस लिया.बीजेपी ने इस सीट पर सुभाष सिंह को उम्मीदवार बनाया था, और पार्टी नेतृत्व ने अनिकेत को मना लिया.
राजनीतिक समीकरण में हलचल
नामांकन वापसी की आखिरी तारीख तक बिहार की कई सीटों पर राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं.जहां जन सुराज को नुकसान झेलना पड़ा है, वहीं बीजेपी ने अपने कई बागियों को दोबारा पार्टी लाइन में लाने में सफलता पाई है.
विश्लेषकों के मुताबिक, नामांकन वापसी के इन फैसलों ने यह साफ कर दिया है कि दूसरे चरण के चुनाव में मुकाबला अब और सीधे और सख्त होगा.
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