'रोज रात को देवी के सामने खड़ा रहता है बाघ...', बगहा में जंगल के बीच है रहस्यमयी मंदिर

बिहार के बगहा स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में मदनपुर देवी मंदिर श्रद्धा और रहस्य का अद्भुत केंद्र है. मान्यता है कि यहां हर रात माता का वाहन बाघ दर्शन को आता है.राजा मदन सिंह की कथा और गाय द्वारा पिंडी पर दूध चढ़ाने से पूजा शुरू हुई. नवरात्र में विशाल मेला लगता है और नेपाल व यूपी से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं

Advertisement
रोज रात को देवी के इस मंदिर में आता है बाघ (Photo: ITG) रोज रात को देवी के इस मंदिर में आता है बाघ (Photo: ITG)

अभिषेक पाण्डेय

  • बगहा,
  • 23 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST

बिहार में बगहा के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के घने जंगलों के बीच बसा मदनपुर देवी मंदिर श्रद्धा और रहस्य का अद्भुत संगम है. यहां मां भगवती पिंडी रूप में विराजमान हैं. धार्मिक मान्यता है कि यहां हर रात माता के दर्शन को उनका वाहन, एक बाघ, मंदिर में आता है. इसी कारण रात में किसी को यहां रुकने की अनुमति नहीं है.

Advertisement

राजा की जिद और देवी का प्रकट होना

किंवदंती है कि राजा मदन सिंह के समय रहसु गुरु नामक साधु बाघों के गले में सांप बांधकर धान की दंवरी करते थे. जब राजा ने यह देखा तो उन्होंने देवी को बुलाने की जिद कर दी. साधु ने चेताया कि इससे उनका राज-पाट खतरे में पड़ जाएगा, लेकिन राजा नहीं माने.

मान्यता है कि साधु के आह्वान पर मां भगवती असम के कामाख्या से थावे होते हुए मदनपुर पहुंचीं. देवी के प्रकट होते ही साधु का सिर फट गया और राजा उनके तेज को सहन न कर पाए. वे गिर पड़े और उनका राज-पाट समाप्त हो गया. तब से माता पिंडी रूप में प्रतिष्ठित हैं.

गाय और बाघ से शुरू हुई पूजा

कहते हैं कि हरिचरण नामक ग्रामीण ने देखा कि एक गाय प्रतिदिन पिंडी पर दूध चढ़ाती है. उसी दिन से वहां पूजा शुरू हुई. देवी ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उनकी रक्षा के लिए एक बाघ भी प्रदान किया, जो आज तक प्रतिदिन माता के दर्शन के लिए मंदिर आता है.

Advertisement

भव्य मंदिर और श्रद्धालुओं का तांता

नेपाल और उत्तर प्रदेश से श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां आने लगे. अब यहां भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है. विवाह, मुंडन और अन्य धार्मिक संस्कार भी यहीं संपन्न होते हैं. बलि की परंपरा भी अब तक जारी है.

नवरात्र में मंदिर का रंग

नवरात्र के दौरान मंदिर में विशाल मेला लगता है. मंदिर को भव्य ढंग से सजाया जाता है और लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. यह स्थल बिहार, यूपी और नेपाल के श्रद्धालुओं के लिए एक अनोखा धार्मिक केंद्र बन चुका है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement