बिहार के अररिया में नेपाल से आए पानी ने तबाही मचा दी है. भारत-नेपाल सीमा से सटे बघुआ और बथनाहा गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. नेपाल के तराई क्षेत्रों से लगातार आ रहे पानी और परमान नदी के उफान ने स्थिति भयावह बना दी है. निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है, जिससे लोग अपने आशियाने छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं.
बथनाहा गांव पूरी तरह डूबा
गांवों में सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और महादलित वर्ग के लोगों को झेलनी पड़ रही है. न खाने को पर्याप्त इंतजाम है और न ही रहने के लिए सुरक्षित जगह. महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं.
ग्रामीण राकेश कुमार का कहना है कि चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. नेपाल से लगातार दबाव बढ़ने के कारण हालात और बिगड़ रहे हैं. वहीं, सदानंद ऋषिदेव ने बताया कि वो अपने बच्चों के साथ किसी तरह ऊंचे स्थान पर खड़े हैं लेकिन खाने-पीने की भी भारी समस्या है.
अररिया में हालात भयावह, नहीं मिल रहा खाना
ग्रामीण महिला तारिणी देवी की आंखों में आंसू छलक गए. वह बताती हैं कि उनके घर में पूरा पानी घुस गया है और बच्चों को भूखे रहना पड़ रहा है. कविता देवी का दर्द भी अलग नहीं है. उन्होंने कहा कि बर्तन, कपड़े और अनाज सब बह गया है. अब तो सिर छिपाने तक की जगह नहीं है. पार्वती देवी ने कहा कि मवेशी तक सुरक्षित नहीं हैं और जान बचाकर बच्चों को लेकर किसी तरह बाहर निकली हूं.
गांवों में राहत और बचाव कार्य की स्थिति बेहद धीमी है. पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस मदद नहीं पहुंची है. इस कारण लोगों में आक्रोश और निराशा दोनों दिखाई दे रही है.
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