शराबबंदी वाले बिहार में एक और कारनामा, घर के अंदर चल रही थी शराब फैक्ट्री

बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद शराब तस्करी के नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं. ऐसा ही मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है. मद्य निषेध विभाग की टीम ने शनिवार रात छापेमारी कर स्प्रिट से नकली विदेशी शराब बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया. तीन मंजिले मकान में यह फैक्ट्री चल रही थी.

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पुलिस की गिरफ्त में शराब तस्कर. पुलिस की गिरफ्त में शराब तस्कर.

मणि भूषण शर्मा

  • मुजफ्फरपुर,
  • 07 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST

बिहार की मुजफ्फरपुर पुलिस ने ब्रांडेड नकली शराब बनाने वाले 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग घर के अंदर ही शराब की फैक्ट्री बना रखी थी. पुलिस ने मौके से कई ब्रांडेड शराब की रैपर, खाली बोतल और स्प्रिट बरामद की है. पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपी फैक्ट्री में ही शराब पार्टी कर रहे थे और सभी शराब के नशे में थे.

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दरअसल, मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र के राघोपुर गांव में मद्य निषेध विभाग की टीम ने शनिवार रात छापेमारी कर स्प्रिट से नकली विदेशी शराब बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया. तीन मंजिले मकान में यह फैक्ट्री चल रही थी. गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने जब छापेमारी की, तब फैक्ट्री में शराब तस्कर शराब पार्टी कर रहे थे.

करीब पांच कार्टन नकली शराब भी बरामद

मद्य निषेध विभाग की टीम ने चार शराब तस्कर को मौके से गिरफ्तार किया. यहां से एक बोलेरो के अलावे हजारों की संख्या में खाली बोतल, शराब पैकिंग करने की सामग्री, 25 लीटर वाली स्प्रिट के 10 से अधिक गैलन, भारी मात्रा में अलग-अलग ब्रांड के रैपर, कॉर्क आदि जब्त किए गए. मौके से करीब पांच कार्टन नकली शराब भी बरामद हुई है.

उत्पाद अधीक्षक ने कही ये बात

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प्रभारी उत्पाद अधीक्षक अभिनव कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि राघोपुर में एक मकान के अंदर नकली विदेशी शराब की फैक्ट्री चल रही है. गुप्त सूचना पर टीम जब रेड करने गई, तो रिहायशी इलाके में तीन मंजिले मकान में ब्रांडेड कंपनी की नकली विदेशी शराब बनाई जा रही थी. मौके से काफी मात्रा में रैपर, कर्क, खाली बोतल और स्प्रिट बरामद हुआ. शराब की सप्लाई के संबंध में गिरफ्तार चारों से पूछताछ की जा रही है.

बिहार में 2016 से है शराबबंदी

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने शराबबंदी (Alcohol Ban) करने का वादा किया था. उनके इस वादे का असर ये हुआ था कि महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 60 के करीब हो गया था. कई इलाकों में तो 70 फीसदी से ज्यादा महिलाओं ने वोट दिया था. 

सरकार बनने के बाद अप्रैल 2016 में बिहार में शराबंबदी का कानून आया. 1 अप्रैल 2016 को बिहार देश का 5वां ऐसा राज्य बन गया जहां शराब पीने और जमा करने पर प्रतिबंध लग गया.

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