ऑपरेशन सिंदूर में शहीद मोहम्मद इम्तियाज के परिजनों को 50 लाख की मदद, घर वालों से मुलाकात करेंगे सीएम नीतीश कुमार

ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ के शहीद सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के परिवार जनों को बिहार सरकार की तरफ से कुल 50 लाख रुपए सहायता राशि प्रदान की जाएगी.गृह विभाग और राज्य सरकार की तरफ से 21 लाख व मुख्यमंत्री राहत कोष से 29 लाख रुपए दिए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं आज छपरा जाकर शहीद के परिवार से मुलाकात करेंगे

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जैसे ही शहीद मोहम्मद इम्तियाज के बेटे ने पिता को श्रद्धांजलि दी सभी की आंखें नम हो गईं जैसे ही शहीद मोहम्मद इम्तियाज के बेटे ने पिता को श्रद्धांजलि दी सभी की आंखें नम हो गईं

रोहित कुमार सिंह

  • पटना ,
  • 13 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ के शहीद सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के परिवार जनों को बिहार सरकार की तरफ से कुल 50 लाख रुपए सहायता राशि प्रदान की जाएगी.गृह विभाग और राज्य सरकार की तरफ से 21 लाख व मुख्यमंत्री राहत कोष से 29 लाख रुपए दिए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं आज छपरा जाकर शहीद के परिवार से मुलाकात करेंगे. 

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जम्मू-कश्मीर के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई कायरतापूर्ण गोलीबारी में बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. उनकी शहादत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, मातम छा गया. शहीद इम्तियाज के शव को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव लाया गया. जब उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ गांव पहुंचा, तो शहीद इम्तियाज अमर रहें और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा. हजारों लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े.

देशभक्ति का जज्बा, परिवार को भी बनाया देशसेवक

शहीद इम्तियाज केवल खुद ही देश की सेवा में नहीं थे, उन्होंने अपने छोटे भाई को भी प्रेरित किया था. उनके छोटे भाई भी बीएसएफ में सब-इंस्पेक्टर हैं. उन्होंने बात करते हुए बताया कि 10 मई को उनकी अपने बड़े भाई से अंतिम बार बात हुई थी. उन्होंने बताया कि कैसे भाई हमेशा देश के लिए समर्पित रहते थे और हर मुश्किल परिस्थिति का सामना डटकर करते थे. उनका कहना है कि उन्हें अपने भाई की शहादत पर गर्व है, लेकिन अब पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए. उन्होंने अपने भाई की प्रेरणा को जिंदा रखने का संकल्प लिया है.

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अस्पताल बनाने की मांग 

शहीद इम्तियाज की पत्नी ने बताया कि कैसे 20 अप्रैल को वे छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे, और फिर कभी वापस नहीं आए. जब उनका फोन बंद मिला और कोई जवाब नहीं मिला, तो दिल में आशंका घर करने लगी. और जब सच्चाई सामने आई, तो पूरी दुनिया उजड़ गई. शहीद की पत्नी ने सरकार से अपील की है कि उनके पति के नाम से एक अस्पताल बनाया जाए, जहां गरीबों का मुफ्त इलाज हो सके. यह उनके पति की शहादत को एक समाजसेवी रूप देगा और उनकी यादें हमेशा बनी रहेंगी. उनके दो बेटे हैं जिनका भविष्य अब सरकार की मदद पर निर्भर है.

वे चाहती हैं कि सरकार उनके बच्चों के लिए पक्की योजना बनाए जिससे उनके जीवन को सुरक्षित बनाया जा सके. उनकी विवाहित बेटियों ने भी दुख जताया और पाकिस्तान की नापाक हरकतों की कड़ी निंदा की. उनका कहना है कि अगर भारत को शांति चाहिए तो पाकिस्तान का नाम-ओ-निशान दुनिया के नक्शे से मिटाना ही होगा.

इससे पहले जब शहीद के पार्थिव शरीर को जब पटना हवाई अड्डे पर लाया गया तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वहां पहुंचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि बिहार के लाल वीर योद्धा मोहम्मद इम्तियाज ने पाकिस्तान को मुँहतोड़ जवाब देते हुए देश के लिए जान दी है. ऐसे वीर शहीदों के बलिदान की बदौलत ही आज हम सब सुरक्षित हैं. पूरा देश उनकी कुर्बानी को हमेशा याद रखेगा. इसके अलावा, लालू यादव की बेटी और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रोहिणी आचार्य ने भी शहीद के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की. 

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