प्रोडक्शन और मैनपावर बैलेंस! हजारों कर्मचारियों को 'VRS' क्यों दे रही ये दिग्गज कार कंपनी

Volkswagen VRS: यह वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम महाराष्ट्र स्थित फॉक्सवैगन ग्रुप के दोनों प्लांट्स पर लागू की गई है. इन प्लांट्स में स्कोडा कुशाक एसयूवी, फॉक्सवैगन वर्टस सेडान और ऑडी क्यू3 व क्यू5 जैसी कारों का प्रोडक्शन होता है.

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Volkswagen ने भारत में अपने दोनों प्लांट के 2,300 कर्मचारियों को VRS ऑफर किया है. Photo: ITG Volkswagen ने भारत में अपने दोनों प्लांट के 2,300 कर्मचारियों को VRS ऑफर किया है. Photo: ITG

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:34 PM IST

भारत के ऑटोमोबाइल बाजार में दो दशक से अधिक समय से मौजूद Volkswagen Group ने एक बड़ा कदम उठाया है. कंपनी ने देश में अपने दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स में काम कर रहे 2,300 कर्मचारियों को अर्ली रिटायरमेंट यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया है. यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब भारतीय बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी करीब 2 प्रतिशत पर ही ठहरी हुई है और उत्पादन क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है.

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किन प्लांट्स में लागू है स्कीम

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम महाराष्ट्र स्थित फॉक्सवैगन ग्रुप के दोनों प्लांट्स पर लागू की गई है. इन प्लांट्स में स्कोडा कुशाक एसयूवी, फॉक्सवैगन वर्टस सेडान और ऑडी क्यू3 व क्यू5 जैसे प्रीमियम मॉडल घरेलू और निर्यात बाजार के लिए तैयार किए जाते हैं. फिलहाल दोनों यूनिट्स अपनी पूरी क्षमता से कम पर चल रही हैं, ऐसे में मैनपावर को मौजूदा जरूरतों के अनुसार संतुलित करना कंपनी की प्राथमिकता बन गई है.

कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, पुणे और चाकन स्थित मैन्युफैक्चरिंग लोकेशंस पर पिछले कुछ वर्षों से यूनियन के साथ बातचीत चल रही थी. इन्हीं चर्चाओं और कर्मचारियों के अनुरोध के आधार पर वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) को लागू किया गया है. यह योजना पूरी तरह स्वैच्छिक है और इसका उद्देश्य कर्मचारियों के लाभ के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी को निभाना है. कंपनी का कहना है कि इससे ऑपरेशनल एफिशिएंसी मजबूत होगी.

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Skdoa Kylaq ने लॉन्च होते ही कंपनी की बिक्री में बड़ा सुधार देखने को मिला है. Photo: skoda-auto.co.in

वॉल्यूम ग्रोथ के बावजूद क्यों उठाया यह कदम

फॉक्सवैगन ग्रुप का कहना है कि साल 2025 में उसकी बिक्री में सालाना आधार पर करीब 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसमें सब-4 मीटर सेगमेंट में लॉन्च हुई Kylaq की अहम भूमिका रही है. कंपनी के अनुसार, उसके छह ब्रांड्स में नए मॉडल्स आने से बाजार हिस्सेदारी में सुधार हुआ है और आगे भी इसे मजबूत करने की योजना है. इसके बावजूद, उत्पादन और कर्मचारियों की संख्या में संतुलन बनाना जरूरी समझा गया.

VRS के तहत कर्मचारियों को क्या मिलेगा 

इस योजना को स्वीकार करने वाले कर्मचारियों को हर साल की सेवा के बदले 75 दिनों का वेतन दिया जाएगा, या रिटायरमेंट तक बचे वर्षों के हिसाब से भुगतान होगा, जो भी कम हो. इसके अलावा, यदि कर्मचारी पांच से दस दिनों के भीतर इस ऑफर को स्वीकार करते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त भुगतान का लाभ भी मिलेगा.

मैनपावर रेशनलाइजेशन पर फोकस

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि, कंपनी का मकसद मैनपावर को तर्कसंगत बनाना और मौजूदा जरूरतों के अनुरूप ढालना है. साथ ही फॉक्सवैगन अपने प्लांट्स को चालू रखेगा और कर्मचारियों को वेतन देता रहेगा. खास बात यह है कि यह अर्ली रिटायरमेंट स्कीम कर्मचारियों की यूनियन के अनुरोध पर लाई गई है.

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स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन साल 2018 से भारत में ग्रुप के स्ट्रेटजी का नेतृत्व कर रही है और आगे के निवेश के लिए स्थानीय साझेदार की तलाश में है. इसी बीच कंपनी 1.4 अरब डॉलर के इंपोर्ट टैक्स डिमांड को भी चुनौती दे रही है, जिसे वह गलत मानती है. भारत में स्कोडा, फॉक्सवैगन, ऑडी, पोर्शे, लैम्बोर्गिनी और बेंटले जैसे ब्रांड्स की मौजूदगी के बावजूद बाजार हिस्सेदारी में बड़ा इजाफा नहीं हो पाया है.

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