कार के बंद दरवाजों में कैद जिंदगी... 5 की मौत! TESLA पर मुकदमा दायर, जानें क्या है मामला

Tesla Door Lock Case: बीते 31 अक्टूबर, शुक्रवार को बाउर दंपत्ति के चार बच्चों ने टेस्ला पर मुकदमा दायर किया है. उनका आरोप है कि कार के इलेक्ट्रॉनिक डोर सिस्टम में खामी के चलते हादसे के वक्त उनके माता-पिता कार से बाहर नहीं निकल सकें. मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि, कार में आग लगने के बाद अंदर फंसे लोग दरवाजा लॉक होने के चलते बाहर नहीं निकल पा रहे थें.

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Tesla की कारों की सेफ्टी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. Photo: Tesla.com Tesla की कारों की सेफ्टी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. Photo: Tesla.com

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST

अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला (TESLA) पर विस्कॉन्सिन में हुए एक भीषण सड़क हादसे के बाद मुकदमा दायर किया गया है. यह हादसा पिछले साल वेरोना (मैडिसन) में हुआ था, जिसमें Model S कार सवार सभी 5 लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि कार के डिज़ाइन में खामी के कारण उसमें बैठे पैसेंजर आग लगने के बाद दरवाजा नहीं खोल पाए और अंदर ही फंसकर जल गए.

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये हादसा 1 नवंबर 2024 की रात का है. जब वेरोना (विस्कॉन्सिन) में टेस्ला मॉडल एस कार सड़क से स्किड होकर एक पेड़ से जा टकराई. कार में सवार जेफ़्री बाउर (54) और मिशेल बाउर (55) अपने दोस्तों के साथ यात्रा कर रहे थे. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कुछ ही क्षणों में कार में आग लग गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद कार के भीतर से चीखें सुनाई दीं, लेकिन कोई भी दरवाज़ा खोल नहीं सका. 

टेस्ला पर मुकदमा

बीते 31 अक्टूबर, शुक्रवार को बाउर दंपत्ति के चार बच्चों ने टेस्ला पर मुकदमा दायर किया है. उनका आरोप है कि कार के इलेक्ट्रॉनिक डोर सिस्टम में ऐसी खामी थी, जिसने उनके माता-पिता को बाहर निकलने का कोई मौका नहीं दिया. शिकायत में कहा गया है कि आग लगने के बाद लिथियम-आयन बैटरी पैक ने इलेक्ट्रॉनिक डोर सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया, जिससे दरवाज़े खुल ही नहीं सके.

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों का कहना है कि टेस्ला को इस खामी की जानकारी पहले से थी, क्योंकि ऐसे हादसे पहले भी हो चुके थे. इसके बावजूद कंपनी ने “सुरक्षा उपायों को नज़रअंदाज़ करते हुए” कार के डिज़ाइन में कोई बदलाव नहीं किया.

साइबरट्रक हादसे में दो छात्रों की मौत 

यह पहली बार नहीं है जब टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों के सेफ्टी सिस्टम और डिज़ाइन फीचर्स पर सवाल उठे हों. कंपनी पहले भी अपनी ऑटोपायलट तकनीक और दरवाजे के ऑटोमैटिक सिस्टम को लेकर आलोचनाओं का सामना कर चुकी है. पिछले साल नवंबर में कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को उपनगर में साइबरट्रक हादसे में दो कॉलेज छात्रों की मौत हुई थी. तब भी परिवारों ने दावा किया था कि आग लगने के बाद वाहन के हैंडल डिज़ाइन के कारण छात्र बाहर नहीं निकल सके.

NHTSA कर रही है जांच

अमेरिकी नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) ने सितंबर 2025 में टेस्ला के डोर डिज़ाइन की जांच शुरू की थी. कई रिपोर्टों में सामने आया कि एक्सीडेंट के समय टेस्ला कार के डोर हैंडल्स फेल हो सकते हैं. बाउर परिवार की याचिका में यह भी कहा गया है कि, पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों को बच निकलने के लिए कार के फ्लोर मैट को हटाकर एक मेटेल के टैब को खोजना पड़ता है, जो हादसे के वक्त किसी आम व्यक्ति के लिए असंभव है.

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बाउर दंपत्ति के मौत के मामले वाली रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, स्थानीय निवासी ने 911 पर कॉल कर बताया कि उसने कार के भीतर से मदद की चीखें सुनीं, लेकिन कोई दरवाज़ा नहीं खुल रहा था. शिकायत में लिखा गया है, “टेस्ला के डिज़ाइन ने एक ऐसा जोखिम पैदा किया जो पूरी तरह से अनुमानित था. कि दुर्घटना में बच जाने वाले लोग जलती हुई कार में फंस जाएंगे.” इस मुकदमे में ड्राइवर को भी प्रतिवादी बनाया गया है, बाउर दंपत्ति के बच्चों का आरोप है कि चालक ने लापरवाही से वाहन चलाया, जिससे यह भयानक हादसा हुआ. यह मुकदमा डेन काउंटी की राज्य अदालत में दायर किया गया है.

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