No Fuel For Old Vehicles: 1 जुलाई से दिल्ली में इन वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, नो-फ्यूल पॉलिसी लागू होने से पहले बढ़ा बवाल

No Fuel For Old Vehicles: बीते दिनों कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने स्पष्ट किया था कि, आगामी 1 जुलाई से दिल्ली में किसी भी एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) पुराने वाहनों को फ्यूल स्टेशन पर पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा. अब इस पॉलिसी के लागू होने से पहले ही बवाल बढ़ता नज़र आ रहा है.

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No Fuel For Old Vehicles: Petrol Pump No Fuel For Old Vehicles: Petrol Pump

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2025,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

No Fuel For Old Vehicles Policy: देश की राजधानी दिल्ली में आगामी 1 जुलाई से पुराने वाहनों को फ्यूल पंप पर पेट्रोल-डीजल न दिए जाने का ऐलान हुआ था. कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने बीते 21 जून को कहा था कि, 1 जुलाई से, किसी भी एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) पुराने वाहन को दिल्ली के फ्यूल स्टेशनों पर अपने टैंक को भराने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे वे किसी भी राज्य में रजिस्टर्ड हों. 

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अब इस मामले को लेकर दिल्ली पेट्रोल डीलर एसोसिएशन (DPDA) ने सरकार से गुहार लगाई है और पेनाल्टी प्रावधानों को हटाने की मांग की है. बता दें कि, कमिशन का यहां एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) वाहनों का मतलब ऐसी गाड़ियों से है जो डीजल वाहन 10 साल पुराने हो और जो पेट्रोल वाहन 15 साल पुराने हों. 

क्या है एसोसिएशन की मांग?

दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) ने सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि यदि फ्यूल पंप डीलर 'पुराने वाहनों के लिए ईंधन नहीं' ('No Fuel For Old Vehicles) नीति को लागू करने में विफल रहते हैं तो उन पर लगाए गए दंडात्मक प्रावधानों को वापस लिया जाए. 

डीपीडीए ने दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज सिंह और परिवहन आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि नियम में कहा गया है कि "ऐसे एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) वाहनों के संबंध में तत्काल कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिसमें उन्हें जब्त करना और उन्हें डिस्पोज करना भी शामिल है."

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वहीं इस पत्र में  यह भी कहा गया है कि, "आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) के तहत पेट्रोल पंप डीलरों को किसी भी ग्राहक को फ्यूल देने से मना करने पर प्रतिबंध है. इस स्थिति में पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल न देने के आदेश और एक्ट के नियमों का पालन करने पर टकराव की स्थिति पैदा होती है." 

डीपीडीए ने यह भी कहा कि, पेट्रोल पंप अटेंडेंट प्रवर्तन अधिकारी के रूप में कार्य नहीं कर सकता है और ऐसा करने पर आने वाली परेशानियों के बारे में भी सरकार को अवगत कराया. पत्र में हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि, "हाल ही में गाजियाबाद में 'हेलमेट नहीं तो फ्यूल नहीं' नीति लागू करने पर एक पंप अटेंडेंट को गोली मार दी गई थी."

अब ऐसे में सरकार की नई निति 'नो फ्यूल फॉर ओल्ड व्हीकल्स' को लागू करने से पहले एसोसिशन ने पेट्रोल पंपों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने की मांग की है. ताकि भविष्य में इस नई पॉलिसी को लागू करते वक्त किसी भी तरह के आपात स्थिति से बचा जा सके. 

न हो दंडात्मक कार्रवाई:

डीपीडीए ने अपने पत्र में कहा कि, "सरकार के नए आदेश के अनुसार, पॉलिसी का पालन न करने पर डीलरों या पंप अटेंडेंट को गिरफ्तार करने सहित दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान न तो व्यावहारिक है और न ही स्वीकार्य है. इस तरह के उपायों से न केवल आवश्यक सेवाएं बाधित होंगी, बल्कि यह योजना भी असफल हो जाएगी."

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डीपीडीए ने विभाग से पेट्रोल पंप डीलरों पर लगाए गए दंडात्मक प्रावधानों पर पुनर्विचार करने और उन्हें रद्द करने की मांग की है. इसके अलावा एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि, इस मामले में कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) द्वारा कोई SOP साझा नहीं किया गया है, इसलिए नई पॉलिसी को ठीक ढंग से लागू करने के लिए एसओपी को भी शेयर किया जाए.

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