GST Reforms: सस्ती होंगी कार-बाइक्स, जीएसटी रेट में हो सकता है बदलाव! जानें क्या है सरकार का प्लान

GST Reforms on Car Bikes: केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) सिस्टम में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है. जिसका लक्ष्‍य GST में सुधार करके टैक्‍स सिस्‍टम को आसान बनाना है. इस बदलाव से कार, खासकर छोटी कारें खरीदने के इच्छुक लोगों को राहत मिलने की संभावना है.

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एंट्री लेवल और कारों को 18% जीएसटी टैक्स स्लैब में लाया जा सकता है. File Photo: ITG एंट्री लेवल और कारों को 18% जीएसटी टैक्स स्लैब में लाया जा सकता है. File Photo: ITG

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

नए कार और बाइक खरीदारों को एक बड़ी राहत मिलने की संभावना है. इस बार स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से नए GST रिफॉर्म का ऐलान किया था, उन्होंने कहा कि दिवाली पर नया जीएसटी रिफॉर्म को लागू किया जाएगा. इस बीच, खबर आ रही है कि केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) सिस्टम में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है. जिसका लक्ष्‍य GST में सुधार करके टैक्‍स सिस्‍टम को आसान बनाना है. इस बदलाव से कार, खासकर छोटी कारें खरीदने के इच्छुक लोगों को राहत मिलने की संभावना है. 

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कारों पर मिल सकती है बड़ी राहत

IE की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार छोटी और बड़ी कारों के लिए टैक्स रेट्स (Tax Rates) में अंतर करने पर विचार कर रही है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि, छोटी कारें, जिन पर वर्तमान में 28 प्रतिशत जीएसटी और 1-3 प्रतिशत की सेस (Cess) दरें लागू होती हैं, नए बदलाव के बाद ये 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आ सकती हैं. इसके अलावा 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब को हटाने के बाद बड़ी लग्जरी कारों और एसयूवी को 40 प्रतिशत वाले स्पेशल टैक्स कैटेगरी में ट्रांसफर किया जा सकता है.
 
रिपोर्ट में एक सरकार सूत्र के हवाले से कहा गया है कि, "छोटी कारें कोई लग्ज़री आइटम नहीं हैं, केवल 5-7 आइटम को ही 40% स्लैब में रखने की योजना है."

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मौजूदा समय में एंट्री लेवल हैचबैक, छोटी सेडान और मिनी-एसयूवी सहित छोटी कारों पर 28% प्रतिशत जीएसटी के साथ-साथ उन पर 1 प्रतिशत (पेट्रोल) और 3 प्रतिशत (डीज़ल) का उपकर (Cess) भी लगता है. 1200 सीसी (1.2 लीटर) तक की इंजन क्षमता और 4 मीटर से कम लंबाई वाली छोटी कारों पर 28 प्रतिशत का भारी टैक्स इसे आम ग्राहकों के लिए और भी महंगा बना देता है. 

मिड-साइज़ कारें भी होंगी सस्ती

बताया जा रहा है कि, सरकार मीडियम साइज की कारों पर भी लगने वाले टैक्स में कुछ कमी कर सकती है. मौजूदा समय में 1.2 लीटर या 1.5 लीटर से अधिक इंजन क्षमता वाली मिड-सेग्मेंट की कारें 28% जीएसटी स्लैब में आती हैं. जिन पर 15% का अतिरिक्त उपकर भी लगाया जाता है. जिसके बाद टैक्स का कुल आंकड़ा 43% हो जाता है. अब इन्हें भी 40% स्लैब में लाने की संभावना है, यदि ऐसा होता है तो इन कारों पर भी टैक्स की दर में तकरीबन 3% तक की राहत मिलेगी.

सस्ती हो जाएंगी ये कारें

यदि यह जीएसटी रिफॉर्म लागू किया जाता है तो 1.0 लीटर और 1.2 लीटर इंजन के साथ आने वाली मारुति ऑल्टो के10, वैगनआर, स्विफ्ट, बलेनो, डिजायर, टाटा टिएगो, टिगोर, पंच, हुंडई की आई10, आई 20 और एक्स्टर जैसी कारें सस्ती हो जाएंगी. इसके अलावा रेनो क्विड, ट्राइबर, किगर, स्कोडा काइलैक जैसी कारों की कीमत में भी गिरावट आ सकती है. वहीं 1.5 लीटर इंजन के साथ आने वाली मारुति ब्रेजा, टाटा नेक्सन, किआ सेल्टॉस, सोनेट, हुंडई क्रेटा जैसे एसयूवी कारों की कीमत में भी अंतर देखने को मिलेगा.  

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मोटरसाइकिल खरीदारों को भी होगा लाभ

कारों के अलावा एंट्री लेवल बाइक्स के टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए जाने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार 350 सीसी तक की बाइक्स पर वर्तमान में 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जिसे घटाकर 18 प्रतिशत किया जा सकता है. जबकि 350 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली बाइक्स पर उच्च दर लागू हो सकती है. बता दें कि, इस समय 350 सीसी  से अधिक इंजन क्षमता वाली बाइक्स पर 28% जीएसटी दर के साथ 3% उपकर (Cess) भी लगता है, जिससे कुल टैक्स 31% हो जाता है.

बता दें कि, कारों के मुकाबले भारत में दोपहिया वाहनों की संख्या ज्यादा है और मोटरसाइकिल खरीदारों में एंट्री-लेवल या कम्यूटर सेग्मेंट के बायर्स सबसे ज्यादा है. ऐसे में यदि सरकार 350 सीसी तक की बाइक्स पर लगने वाले जीएसटी टैक्स में 10% तक राहत देती है, तो इससे खरीदार और बाजार दोनों को तगड़ा लाभ होगा.

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