अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 'टैरिफ अटैक' इस समय दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. तकरीबन हर सेक्टर ट्रंप के इस टैरिफ प्लान से प्रभावित है, ख़ास तौर पर दुनिया भर की कार कंपनियां जो अमेरिका में वाहनों को एक्सपोर्ट करती हैं वो खासी चिंतित हैं. डोनाल्ड ट्रम्प ने सभी विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल (कार, बाइक्स) पर 25 प्रतिशत रेसिप्रोकल (पारस्परिक) टैरिफ की घोषणा की है. ट्रंप ने यह तर्क दिया कि, संयुक्त राज्य अमेरिका दशकों से वैश्विक व्यापार में नुकसान में रहा है.
जानकारों का मानना है कि, डोनाल्ड ट्रम्प का टैरिफ को लेकर उठाया गया ये कदम व्यापार को संतुलित करने और बाकी दुनिया के साथ अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के प्रयास का हिस्सा है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के इस टैरिफ प्लान से ज्यादा एक और दूसरी बात का है जिसकी चिंता दुनिया के सभी कार निर्माताओं को करनी चाहिए. दरअसल, अमेरिका फर्स्ट के नारे को अमली जामा पहनाने और ट्रेड डेफिसिट को कम करने के प्रयास के पीछे डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा प्रस्ताव रखा है.
क्या है ट्रंप का प्रस्ताव..
4 मार्च को कांग्रेस को दिए अपने संयुक्त संबोधन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वे अमेरिका में बने वाहनों के लिए ऋण पर ब्याज भुगतान (लोन इंट्रेस्ट) को कर कटौती योग्य बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि, "मैं कार लोन पर ब्याज भुगतान को भी कर कटौती (Tax Deductible) बनाना चाहता हूँ, लेकिन केवल तभी जब कार अमेरिका में बनी हो." उन्होंने यह भी कहा कि "हम देश के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को ऐसे डेवलप करने जा रहे हैं जैसा दुनिया में किसी ने भी नहीं देखा होगा."
डोनाल्ड ट्रंप का का ये प्रस्ताव दुनिया भर के ऐसे वाहन निर्माता जो अमेरिकी बाजार में अपने वाहनों को एक्सपोर्ट करते हैं उनके लिए एक अलार्म है. दरअसल, ट्रंप अमेरिका में बनने वाली कारों का प्रोडक्शन और बिक्री बढ़ाना चाहते हैं. इसिलिए वो दूसरे देशों पर तगड़ा टैरिफ लगा रहे हैं ताकि विदेशी कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार सख्त हो जाए और लोग देसी (अमेरिकी) कंपनियों के वाहनों की खरीदारी करें.
कार लोन और टैक्स बेनिफिट्स...
ट्रंप के प्रस्ताव के अनुसार, यदि एक अमेरिकी ऐसी कार खरीदता है जिसकी मैन्युफैक्चरिंग पूरी तरह से अमेरिका में हुई है तो कार खरीदारों को लोन के ब्याज पर टैक्स बेनिफिट्स भी मिलेंगे. यानी लोग इस लोन अमाउंट का फायदा अपने इनकम टैक्स में भी उठा सकते हैं. राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि विदेश में निर्मित वाहनों को इस लाभ से बाहर रखा जाएगा. जाहिर है कि इसके चलते ज्यादातर लोग अमेरिकी कारों को ही खरीदना पसंद करेंगे. इसका सीधा असर विदेशी कार निर्माताओं के वाहन बिक्री पर देखने को मिलेगा. हालांकि अभी यह स्प्ष्ट नहीं हो पाया है कि, ट्रंप की यह नीति किन कारों पर लागू होगी, क्योंकि सभी वाहन निर्माता अमेरिका के बाहर से आने वाले कंपोनेंट्स और पार्ट्स पर निर्भर हैं.
Tata का फैसला, अमेरिका नहीं जाएंगी ये कारें...
ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद यूके की लग्ज़री कार कंपनी जगुआर लैंड रोवर का मालिकाना हक रखने वाले टाटा मोटर्स ने एक बड़ा फैसला किया है. ET की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा मोटर्स (Tata Motors) की सब्सिडियरी जगुआर लैंड रोवर ने ब्रिटेन में बनी गाड़ियों के एक्सपोर्ट को अमेरिका भेजने पर रोक लगा दिया है. रिपोर्ट का दावा है कि JLR के पास अमेरिका में पहले से ही कारों की दो महीने की आपूर्ति है, जिन पर नए टैरिफ (New Tariff) लागू नहीं हुए हैं. आमतौर पर अटलांटिक से अमेरिका वाहनों को भेजने में 21 दिन का वक्त लगता है. ऐसे में टाटा का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बता दें कि, जगुआर लैंड रोवर ब्रिटेन में 38000 लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी है.
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