कोरोना का कहर, टाटा मोटर्स की जगुआर लैंड राेवर के इन दो प्लांट्स में रुकी मैन्युफैक्चरिंग

दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है. सरकारों से लेकर जनता और कॉरपोरेट सभी इससे जूझ रहे हैं. ऐसे में टाटा मोटर्स की जगुआर लैंड रोवर को भी अपने दो प्लांट्स में कामकाज बंद करने का निर्णय लेना पड़ा है.

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जगुआर लैंड रोवर (सांकेतिक फोटो) जगुआर लैंड रोवर (सांकेतिक फोटो)

aajtak.in

  • लंदन,
  • 23 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST
  • जगुआर XE, XF, F-Type का उत्पादन प्रभावित
  • लैंड रोवर डिस्कवरी स्पोर्ट, इवोक पर भी असर
  • कामकाज रोकने की वजह सेमिकंडक्टर की किल्लत

दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है. सरकारों से लेकर जनता और कॉरपोरेट सभी इससे जूझ रहे हैं. ऐसे में टाटा मोटर्स की जगुआर लैंड रोवर को भी अपने दो प्लांट्स में कामकाज बंद करने का निर्णय पड़ा है. जानें पूरी डिटेल

ब्रिटेन के दो प्लांट्स में कामकाज बंद
जगुआर लैंड रोवर के ब्रिटेन में तीन प्लांट हैं. एक बर्मिंघम के पास कासेल ब्रोमविच, दूसरा लिवरपूल के पास हालेवुड और तीसरा वेस्ट मिडलैंड्स में सोलिहल प्लांट. अब कंपनी ने कोरोना से उपजी परेशानियों के चलते इनमें से दो प्लांट्स में कामकाज रोकने का निर्णय किया है.

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कारखानों में कम पड़ने लगे कलपुर्जे
कोरोना महामारी के चलते लक्जरी कार मेकर जगुआर लैंड रोवर की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है. कारखानों में कई सारे कलपुर्जों की कमी होने लगी है. इसलिए कंपनी ने कासेल ब्रोमविच और हालेवुड में कामकाज को कुछ वक्त के लिए रोकने का निर्णय किया है. सोमवार से उसके इन दो संयंत्र में काम नहीं होगा जबकि सोलिहिल का प्लांट चलता रहेगा.

ये गाड़ियां बनती हैं इन प्लांट में
टाटा मोटर्स के मालिकाना हक वाली जगुआर लैंड रोवर्स के कासेल ब्रोमविच प्लांट में ‘जगुआर एक्सई, एक्सएफ और एफ-टाइप’ मॉडल की कारों का उत्पादन होता है. वहीं हालेवुड संयंत्र में रेंज रोवर, इवोक और लैंड रोवर डिस्कवरी स्पोर्ट की मैन्युफैक्चरिंग होती है.

सेमिकंडक्टर की शॉर्टेज वजह
कंपनी के कारखानों में काम रोकने की एक बड़ी वजह ग्लोबली सेमिकंडक्टर की शॉर्टेज होना है. कोविड प्रतिबंधों के चलते वाहन कंपनियों की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है और सेमीकंडक्टर की कमी दुनियाभर की अन्य वाहन कंपनियों के लिए भी बड़ी समस्या बनी हुई है. इसी के साथ अन्य उद्योग जैसे कि मोबाइल और टेलीकॉम भी चिपमेकर्स पर निर्भर करते हैं और उनका कारोबार भी प्रभावित हो रहा है.

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आजकल की कारों में कई कॉम्प्लेक्स इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम का इस्तेमाल होता है. ऐसे में सेमीकंडक्टर उनके लिए एक जरूरी कलपुर्जा है.

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