सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब यह तय हो चुका है कि लॉकडाउन के दौरान लोन मोरेटोरियम सुविधा लेने वाले ग्राहकों को ब्याज-पर-ब्याज (चक्रवृद्धि ब्याज) से राहत मिलेगी. बीते दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट तौर पर बताया था कि ग्राहकों को 5 नवंबर से पहले लोन के वसूले गए ब्याज पर ब्याज को लौटा दिया जाएगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों से संबधित लोन लेने वाले ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. दरअसल, वित्त मंत्रालय की ओर से बार-बार पूछे गए लोन मोरेटोरियम से जुड़े सवालों के जवाब जारी किए गए हैं.
इसी दौरान वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि फसल और ट्रैक्टर लोन कृषि व संबद्ध गतिविधियों के तहत आता है, जो ब्याज-पर-ब्याज (चक्रवृद्धि ब्याज) माफी योजना में शामिल नहीं है. आसान भाषा में समझें तो फसल और ट्रैक्टर लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन मोरेटोरियम पर चक्रवृद्धि ब्याज देना ही होगा. उन्हें इसमें किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी.
इसके साथ ही वित्त मंत्रालय ने बताया कि कर्जदारों को 29 फरवरी तक क्रेडिट कार्ड पर बकाये के लिए भी इस योजना का लाभ मिलेगा. इस राहत के लिए बेंचमार्क दर अनुबंध की दर होगी, जिसका इस्तेमाल क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ईएमआई लोन के लिए किया जाता है.
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी कर्जदाता संस्थानों से कहा था कि वे दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए घोषित ब्याज पर ब्याज की माफी योजना को लागू करें. इस योजना के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज के ऊपर लगने वाला ब्याज एक मार्च, 2020 से छह महीने के लिये माफ किया जायेगा.
सरकार ने सभी बैंकों को पांच नवंबर तक चक्रवृद्धि ब्याज व साधारण ब्याज के अंतर को कर्जदारों के खाते में जमा करने के लिये कहा था. इसके लिए ग्राहकों को कुछ करने की जरूरत नहीं होगी.