जनवरी-फरवरी थे ही नहीं, मार्च-अप्रैल भी हैं बदले हुए नाम... कैलेंडर में कैसा रहा महीनों का इतिहास

प्राचीन रोमन कैलेंडर में महीनों के नाम देवताओं और गिनतियों पर आधारित थे. जनवरी और फरवरी पहले महीनों के रूप में नहीं थे, बल्कि मार्च से वर्ष शुरू होता था. प्रत्येक महीने का नाम रोमन देवताओं या उनके क्रम के अनुसार रखा गया था.

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रोमन कैलेंडर में महीनों के नाम मिथकीय कथाओं के देवताओं पर रखे गए हैं रोमन कैलेंडर में महीनों के नाम मिथकीय कथाओं के देवताओं पर रखे गए हैं

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST

साल बदलने वाला है. अब से एक दिन बाद जब आप अपना कैलेंडर बदलेंगे तो फिर से दस्तक देगी, नए साल की जनवरी. 2026 के आगाज के साथ हम सभी एक बार फिर जनवरी-फरवरी, मार्च के नए चक्र को दुहारएंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज जिसे आप जनवरी, फरवरी, मार्च कहते हैं. रोमन कैलेंडर में इन महीनों के नाम ऐसे नहीं थे. प्राचीन कैलेंडर में कुछ महीनों के नाम रोमन मिथक कथाओं के देवताओं के नाम पर रखे गए थे तो वहीं कुछ महीने अपने क्रम में आने वाली गिनतियों के आधार पर रखे गए थे.

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यानी आज जो मार्च, अप्रैल, मई जैसे महीनों के नाम हम बोलते हैं वह या तो शॉर्ट फॉर्म में हैं या फिर किसी देवता के नाम पर लिए गए हैं. सबसे बड़ी बात की, प्राचीन रोमन कैलेंडर तो जनवरी से शुरू ही नहीं होता था. बल्कि जनवरी, फरवरी ये दो महीने थे ही नहीं. उस कैलेंडर की शुरुआत मार्च से होती थी. यह युद्ध के देवता के नाम पर रखा गया था. आइये जानें कि महीनों के नाम किस आधार पर रखे गए थे.

महीनों के नाम कैसे रखे गए थे?

मार्टियस (Martius): यह युद्ध के रोमन देवता मार्स (Mars) के नाम पर रखा गया. इसे वर्ष का पहला महीना मानते थे और इसे नई शुरुआत और सैन्य अभियानों के लिए शुभ माना जाता था.

अप्रिलिस (Aprilis): यह लैटिन शब्द 'aperire' से बना था, जिसका अर्थ है 'खिलना'. इस समय रोम में वसंत ऋतु में आती थी और रंगबिरंगे फूल खिलते थे.

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माईयस (Maius): यह माह रोमन देवी मेया (Maia) के नाम पर रखा गया था. मेया उर्वरता और पृथ्वी की देवी थीं.

जूनियस (Junius): यह रोमन देवता जूनो (Juno) के नाम पर रखा गया था. जूनो विवाह, परिवार और महिलाओं का संरक्षक है.

क्विंटिलिस (Quintilis): इसका अर्थ है 'पांचवां महीना' (लैटिन में 'क्विंटस' यानी पांच). रोमुलन कैलेंडर में यह वर्ष का पांचवां महीना था. बाद में इसे ही जुलाई (July) नाम दिया गया. आधुनिक रोम के पहले सम्राट जूलियस सीजर ने इसे अपने नाम पर बदलवाया था.

सेक्सटिलिस (Sextilis): इसका अर्थ है 'छठा महीना' (लैटिन में "सेक्सटस" यानी छह) यह रोमुलन कैलेंडर में छठा महीना था. बाद में इसे सम्राट ऑगस्टस के सम्मान में अगस्त (August) नाम दिया गया.

सेप्टेम्बर (September): इसका अर्थ है 'सातवां महीना' (लैटिन में 'सेप्टेम' यानी सात). रोमुलन कैलेंडर में यह सातवां महीना था.

ऑक्टोबर (October): इसका अर्थ है 'आठवां महीना' (लैटिन में 'ऑक्टो' यानी आठ).  रोमुलन कैलेंडर में यह आठवां महीना था.

नोवेम्बर (November): इसका अर्थ है 'नौवां महीना' (लैटिन में 'नोवेम' यानी नौ). रोमुलन कैलेंडर में यह नौवां महीना था.

डिसेम्बर (December): इसका अर्थ है 'दसवां महीना' (लैटिन में 'डिसेम' यानी दस). रोमुलन कैलेंडर में यह दसवां महीना था.

जनुअरियस (Januarius): यह द्वार और नई शुरुआत के देवता जेनस (Janus) के नाम पर रखा गया था. नूमा पोंपिलियस के सुधारों के बाद इसे वर्ष का पहला महीना बनाया गया, जो अतीत और भविष्य का प्रतीक था.

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फेब्रुअरियस (Februarius): यह रोमन शुद्धिकरण संस्कार फेब्रुआ (Februa) के नाम पर रखा गया था. यह माह आत्मा और घर की शुद्धि के लिए होने वाले अनुष्ठान के देवता को समर्पित था.

जब इसी कैलेंडर को आधुनिक तौर पर अपनाया गया तब इन्हीं महीनों को जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर के नाम से जाना गया.

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