बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आंधी-तूफान के चलते किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ा है. उत्तर प्रदेश के किसानों पर भी इस मौसम की मार पड़ी है. गेहूं की क्वॉलिटी प्रभावित हुई है. किसान अपनी उपज की खरीद को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश में सरकार ने टूटे-फूटे और सिकुड़े गेहूं के दानों को खरीदने का फैसला किया है. हालांकि, गेहूं के दाने 18 फीसदी से ज्यादा टूटे और सिकुड़े नहीं होने चाहिए.
प्रदेश में लागू किया गया ये फैसला
अबतक सरकार 6 फीसदी से ज्यादा टूटे-फूटे और सिकुड़े दानों को नहीं खरीदती है. इस साल सरकार ने इस मानक को बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है. फिलहाल, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यूपी के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से भी सहमति मिल गई है. उत्तर प्रदेश में इस फैसले को तुरंत लागू भी कर दिया गया है. सरकार द्वारा ये निर्णय किसानों को भारी नुकसान से बचाने और खेती-किसानी में उनका मुनाफा बरकरार रखने के लिए लिया गया है.
प्रति क्विंटल कीमतों में इतनी होगी कटौती
प्रदेश में गेहूं 2125 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक रहा है. सरकार के आदेश के मुताबिक 6 प्रतिशत तक दानों के टूटे व सिकुड़े होने पर कोई कटौती नहीं होगी. 6-8 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जाएगी. 8-10 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर 10.62 रुपये प्रति क्विंटल, 10-12 प्रतिशत पर 15.93 रुपये, 12-14 प्रतिशत पर 21.25 रुपये प्रति क्विंटल, 14-16 प्रतिशत पर 26.56 रुपये प्रति क्विंटल और 16-18 प्रतिशत तक दाने टूटे व सिकुड़े होने पर 31.87 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कटौती की जाएगी.
कम चमक वाले गेहूं को भी खरीदेगी सरकार
सरकार द्वारा 18 प्रतिशत से अधिक टूटन व सिकुड़न होने पर गेहूं नहीं खरीदा जाएगा. इसके अलावा गेहूं के दानों की चमक अगर 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक कम है तो दाम में प्रति क्विंटल 5.31 रुपये की दर से कटौती होगी. 10 प्रतिशत तक कम चमक वाले गेहूं की कीमतों में कटौती नहीं की जाएगी.
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