अचार से लेकर पापड़ तक, मछली के मांस से बनाएं ये उत्पाद, होगी बंपर कमाई

कई मछलियां छोटे साइज के चलते बाजार में नहीं बिक पाती हैं. इससे मछली पालक को काफी नुकसान होता है. इन्हें फेंकने से बेहतर है कि इनकी प्रोसेसिंग की जाए. मछली पालक इनसे अचार, पापड़ और कटलेट बना कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 6:10 PM IST

मछली पालन ग्रामीण क्षेत्रों के सबसे लोकप्रिय व्यवसाय के तौर पर उभर कर सामने आया है. इसके मांस का व्यापार कर मछली पालक काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. मछलियों के मांस को लोग बड़े चाव से खाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है इसके मांस से अचार, पापड़, कटलेट, सेव, चकली जैसे कई उत्पाद बनाकर भी आप बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. 

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छोटे साइज की मछलियों की बिक्री में होती है दिक्कत

कई मछलियां अपने छोटे साइज के चलते बाजार में नही बिक पाती हैं. इससे मछली पालक को काफी नुकसान होता है. इन्हें फेंकने से बेहतर है कि इनकी प्रोसेसिंग की जाए. इससे मुनाफे में इजाफा होगा. मछलियों का वैल्यू एडिशन कर इससे अचार, पापड़ और कटलेट बना सकते हैं. बता दें कि केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान में इन उत्पादों को बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है.

मछली की प्रोसेसिंग कर बना सकते हैं आचार

एक्सपर्ट्स के मुताबिक बाजार में मछली के अचार और पापड़ पर अच्छे दाम भी मिलते हैं. मछली पालक अगर मछलियों के मांस में वैल्यू एडिशन करेंगे तो इसकी कीमत दोगुनी हो जाएगी. इससे मछली पालन के क्षेत्र में उनका मुनाफा भी दोगुना हो जाएगा. दरअसल, भारत में मछली पालन के क्षेत्र में काफी संभवानाएं हैं. ऐसे में किसान इस तरह के व्यवसाय को अपनाकर अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

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केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान ट्रेनिंग का करता है आयोजन

बता दें कि भारत में  मुख्य रूप से छह तरह की मछलियां सबसे ज्यादा पाली जाती हैं. देसी में रोहू, कतला, मृगल और विदेशी में सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प तथा कामन कार्प में मुख्य है. इन सभी से अलग-अलग उत्पाद तैयार किया जा सकता है.  इसको लेकर केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान के प्रोसेसिंग विभाग समय-समय पर ट्रेनिंग भी आयोजित करता है. 

 

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