उत्तर प्रदेश के देवरिया में जिला प्रशासन द्वारा टीम बनाकर 35 उर्वरक की दुकानों पर छापेमारी कर उनके नमूने लिए गए. छापेमारी की सूचना पर तीन दुकानदारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. दरअसल, ये किसान छापेमारी की सूचना मिलने पर दुकानों को बंद करके भाग गए थे. वहीं, 11 विक्रेताओं को दुकानों को गड़बड़ियों चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए छापेमारी
रबी फसल की बुवाई का वक्त चल रहा है. दलहन-तिलहन समेत कई फसलों में इस वक्त यूरिया,DAP इत्यादि खादों की आवश्यकता पड़ती है. इस दौरान दुकानों का समय से खुलना आवश्यक है, जिससे किसानों के लिए खाद की उपलब्धता बनी रहेगी. उर्वरक की कालाबाजारी और ओवररेटिंग को रोकने के लिए समय-समय पर छापेमारी की जाती है.
11 विक्रेताओं को नोटिस
इन टीमों के द्वारा जिले में कुल 35 उर्वरक की दुकानों की सघन जांच कर संदिग्ध उर्वरकों के कुल 27 नमूने प्रयोगशाला में जांच करने के लिए भेज दिया गया गया है. रिपोर्ट आने के बाद संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. कुल 11 विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
यहां-यहां हुई कार्रवाई
जिला कृषि रक्षा अधिकारी रतन शंकर ओझा ने बताया की भाटपाररानी में छापेमारी की सूचना पर दुकान बंद कर भागने वाले मोतीलाल उर्वरक का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. दो दुकानों पर उर्वरक बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है. वही जिला कृषि अधिकारी मोहम्मद मुज्जमिल द्वारा सिंह खाद बीज भंडार और गुप्ता खाद भंडार का भी लाइसेंस निरस्त किया गया है.
राम प्रताप सिंह