बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में खेत में जल-जमाव से किसान मुश्किल में आ गया है. धान की फसल को सुरक्षित तरीके से घर तक ले जाना उसके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण धान की फसल तो बर्बाद हो ही गई है. अब जो कुछ भी फसल खेतो में बची हुई है. उस फसल को समेटना भी अब किसानों ने मुसीबत का सबब बन गया है.
खेतो में खटिया (बास की चारपाई) रखकर पानी से धान काट कर उस पर रखकर कटनी कर रहे है. मुसाफिर राय ने बताया कि धान सब तो खत्म हो गया है. काफी नुकसान हो गया लागत बहुत लगा हुआ है. तीन बीघे में धान की खेती की थी. अब दो चार सेर निकलेगा, जहां पहले एक क्विंटल निकलेगा.
वहीं, मकेश्वर काकी ने बताया कि मेरे पति भी नहीं है. ऐसे में इसी खेती के सहारे परिवार चलती है. अब तो घर परिवार कैसे चलेगा बहुत खर्च करके धान की खेती किये थे सब बर्बाद हो गया. अब जो बचा हुआ है, वह कुछ भी निकल जाए इसलिए किसी तरह पानी मे ही कटाई कर रहे है.
खेतो में अत्यधिक जलजमाव की वजह से तैयार धान की कटाई में काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. जलजमाव के कारण पानी में घुसकर धान की कटनी करने के लिए अब किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. किसानों को कटाई के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. वहीं खेतो में पानी लगने की वजह से मशीन से भी कटाई संभव नहीं है. ऐसे में धान की खेती में लगी पूंजी और लागत को निकालना भी अब किसानों को भारी पड़ रहा है.
जलजमाव की वजह से तैयार धान की फसल खेत में झड़ने भी लगी है, जिससे फसल की हालत देख किसान चिंतित हो उठे हैं. किसान इस बात से भी परेशान हैं कि अगर जल्द खेतों से जलजमाव की समस्या दूर नहीं हुई तो इस आलू, तेलहन और गेहूं की बुआई भी अधर में लटक जायेगी. ऐसे में घर-परिवार का गुजारा कैसे होगा यह चिंता किसानों को अभी से सता रही है.
मणिभूषण शर्मा