बढ़ेगा दूध का व्यापार, पशुओं की बीमारी का खर्चा भी खत्म! आ गई जबरदस्त टेक्नोलॉजी

डेयरी फार्म दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई-नई तकनीकें बढ़ा रहे हैं. इसी के तहत राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड कटिंग एज टेक्नॉलॉजी के जरिए दुग्ध उत्पादन बढ़ाएगी. इस तकनीक के जरिए पशुपालन के लिए मशीन लर्निंग, आईओटी समाधान हासिल होगा.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:47 PM IST

देश में बड़ी संख्या में किसान पशुपालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. आय के लिए वे दुग्ध उत्पादन पर काफी ज्यादा निर्भर हैं. हालांकि, इस साल लंपी वायरस जैसी बीमारियों के चलते पशुपालकों को भारी नुकसान हुआ है. दुग्ध उत्पादन में भी कमी आई है. ऐसे में पशुपालकों के हित में राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड ने एक बड़ा फैसला लिया है. NDDB ने अमेरिका की एक कंपनी के साथ समझौता किया है. इससे पशुपालकों को एक ऐसी तकनीक हासिल होगी, जिससे वे दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ दुधारू पशुओं की बीमारी के बारे में भी पता लगा सकेंगे.

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क्या है ये तकनीक

डेयरी फार्म दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई-नई तकनीकें बढ़ा रहे हैं. इसी के तहत राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड कटिंग एज टेक्नॉलॉजी के जरिए दुग्ध उत्पादन बढ़ाएगी. इस तकनीक के जरिए पशुपालन के लिए  मशीन लर्निंग, आईओटी समाधान हासिल होगा. दरअसल ये पशुओं के प्रबंधन के लिए सेंसर आधारित प्रणाली है. इस प्रणाली में एक सेंसर युक्त कॉलर होता है, जो गाय के गर्दन पर लगाया जाता है. इसके जरिए पशुओं की जुगाली, उनके शरीर के तापमान और उनकी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा सकता है. इस सेंसर युक्त कॉलर को एंटीना से जोड़ा जाएगा. इस एंटीने के मदद से एक सॉफ्टवेयर के जरिए पशुओं पर निगरानी रखी जाएगी. बता दें कि विकसित देशों में इस तरह की टेक्नोलॉजी का उपयोग 15 से 20 सालों से हो रहा है.

पशुओं के बीमारी और प्रजनन के बारे में समय रहते जानकारी

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इस प्रणाली के माध्यम से पशुओं के गर्मी में आने और उनके बीमार होने की स्थिति की जानकारी भी मिल जाती है. इससे उनके प्रजनन और प्रबंधन का समय तय किया जा सकता है. बता दें कि पशुओं के शरीर में होने वाले बदलावों से पता लगा सकेंगे वह कितने वक्त में बीमार हो सकता है. पहले ही जानकारी मिलने की स्थिति में जरूरी कदम उठाकर हम पशुओं को बीमार होने से बचा सकेंगे. साथ ही ये भी पता लगा सकेंगे कि दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं को किस तरह के पोषण की जरूरत है. 

 

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