Buffalo Farming Busines: देश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन के सहारे अपना जीवनयापन कर रहे हैं. देखा जाता है कि गांवों में किसी अन्य दुधारू पशु के मुकाबले भैंस पालन पर ज्यादा जोर दिया जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अन्य दुधारू जानवरों के मुकाबले भैंसों में ज्यादा दूध देने की क्षमता होती है.
भैंस पालन के सहारे किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. किसान सही नस्ल की भैंसों का चुनाव करें, ये बेहद जरूरी है. अगर किसान गलती से कम दूध देने वाली भैंसों को घर लाता है तो उसका बिजनेस खराब हो सकता है. यहां हम उन भैंसों के बारे में बता रहे हैं, जिनको घर लाने के बाद आप सालाना बंपर मुनाफा निकाल सकते हैं.
मुर्रा भैंस
मुर्रा नस्ल की भैंसों को दुनिया की सबसे दुधारू जानवर माना जाता जाता है. ये भैंस एक दिन में 20 से 30 लीटर तक दूध देती है. मुर्रा भैंस का पालन करने वाले किसानों को इनकी खुराक का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. उत्तर भारत में इस भैंस को बड़े स्तर पाला जाने लगा है.
मेहसाना भैंस
मेहसाना भैंस एक दिन में 20 से 30 लीटर तक दूध देती है. गुजरात और महाराष्ट्र बड़े पैमाने पर किसान इस भैंस का पालन किया जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि इस भैंस का पालन करने पर किसान कम वक्त में अमीर हो सकता है.
पंढरपुरी भैंस
महाराष्ट्र में पाई जाने वाली पंढरपुरी भैंस भी अपने दूध देने की क्षमता की वजह से जानी जाती है. वहीं, सुरती नस्ल की भैंस दूध उत्पादन के मामले में पीछे नहीं है. ये दोनो भैंस हर साल औसतन 1400 से 1600 लीटर तक दूध देती है
डेयरी व्यवसाय करने वाले किसानों के लिए जाफराबादी, संभलपुरी भैंस, नीली-रावी भैंस टोड़ा भैंस, साथकनारा भैंस बढ़िया साबित हो सकती हैं. ये सभी भैंस सालाना 1500 लीटर से लेकर 2000 लीटर तक दूध देती हैं और किसानों को बढ़िया मुनाफा दे जाती हैं. ऐसे में किसान मुर्रा, मोहसाना, पंढरपुरी भैंस के अलावा इन भैंसों को भी अपने बेड़े में जोर सकते हैं.
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