Maize Culltivation in Punjab: पंजाब में भारी संख्या में किसान मक्का की खेती करते हैं और ठीक-ठाक मुनाफा भी कमाते हैं. यहां इस फसल की ज्यादातर बुवाई खरीफ के दौरान यानी जून के मध्य से शुरू होती है. मक्का की फसल को धान के मुकाबले कम सिंचाई की जरूरत पड़ती है. इसलिए इसे धान की फसल का विकल्प भी माना जाता है. हालांकि, पंजाब में कई किसान वसंत की शुरुआत में भी मक्का की बुवाई करते नजर आते हैं.
पंजाब के जालंधर, होशियारपुर, नवांशहर और कपूरथला, गुरदासपुर, रोपड़ और लुधियाना आलू की पट्टी वाले जिलों में ज्यादातर वसंत मक्का बोई जाती है. आलू की कटाई फरवरी के अंत तक समाप्त होती है, ऐसे में खेत खाली रहते हैं. इस दौरान फरवरी से मध्य जून तक किसान धान से पहले एक और फसल उगाना पसंद करते हैं. इससे उन्हें ठीक-ठाक मुनाफा भी हो जाता है. चूंकि यह फसल मात्र 120 से 122 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी कटाई भी जून तक पूरी हो जाती है. ऐसे किसान के पास धान की बुवाई से पहले अच्छा-खासा मुनाफा कमाने का मौका रहता है.
वसंत में क्यों नहीं करनी चाहिए मक्का की खेती?
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के एक रिपोर्ट के अनुसार, वसंत के समय में मक्के की खेती नहीं करनी चाहिए. मार्च से तापमान 35 डिग्री सेंटीग्रेड से जून में 45 डिग्री तक बढ़ने लगता है. इस वक्त बारिश भी नहीं हो रही होती. ऐसे में मक्की की खेती से जमीन का जलस्तर और नीचे होता जाता है. जिससे आगे की फसलों से लेकर रोजमर्रा के कामों में पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.
डॉ सुजय रक्षित (डायरेक्टर, आईसीएआर-इंडियन इंस्ट्टीयूट ऑफ मेज रिसर्च) कहते हैं कि पंजाब का भूजलस्तर वैसे ही प्रतिदिन कम होता जा रहा है. मक्के की फसल को ऐसे में लगातार सिंचाई की जरूरत होती है. हालांकि, इस दौरान तापमान इतना अधिक होता है कि सिंचाई का भी कुछ खास फर्क नहीं पड़ता है. ऐसे में पानी जमीन और पौधों के अंदर जाने की बजाय वाष्पित हो जाता है. अगर इस फसल को वसंत के समय किसान करना भी चाहते हैं तो उन्हें ड्रिप इरिगेशन की तकनीक अपनानी चाहिए.
डॉ सुजय रक्षित आगे कहते हैं कि धान उगाने के लिए मक्के से तीन गुना ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है, फिर भी वसंत के वक्त मक्के की फसल ना लगाने की सलाह दी गई है क्यों कि धान मॉनसून की शुरुआत में बोया जाता है और इसलिए बारिश से पानी मिलता है. वहीं, मक्के की खेती की जाती है, वर्षा लगभग न के बराबर होती है और तापमान अधिक होता है. ऐसे में भूजल गिरता जाता है. ऐसे में पंजाब के किसानों को वसंत में मक्का लगाने की जगह जून से अक्टूबर तक धान के मौसम के दौरान उगाया जाना चाहिए.
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