Eucalyptus Farming: खेत में लगा दें ये पेड़, पांच सालों में होगी 50 लाख से ज्यादा की कमाई!

Eucalyptus Farming Profit: इसकी खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता. 1 हेक्टेयर में इसके करीब 3000 हज़ार पौधे लगाए जा सकते हैं. नर्सरी में ये पौधे 7-8 रुपये के मिलते हैं. ऐसे में इनकी खरीद में करीब 21 हज़ार रुपये का खर्च आता है. अन्य खर्चों को भी जोड़ लिया जाये तो करीब 25 हज़ार रुपये का खर्च आयेगा.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 08 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST
  • 1 हेक्टेयर में इसके करीब 3000 हज़ार पौधे लगाए जा सकते हैं
  • इसकी लकड़ी मार्केट में 6 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकती है

Eucalyptus Farming India: यूकलिप्टस ऑस्ट्रेलिया मूल का पेड़ है, जो कम समय में तेजी से बढ़ता है और सीधा फैलता है. इसे गम, सफेदा और नीलगिरि के नाम से भी जाना जाता है. इसके पेड़ो से प्राप्त होने वाली लकड़ी का इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड वगैरह, लुगदी, फर्नीचर, पार्टिकल बोर्ड और इमारतो को बनाने में होता है. 

कितनी होगी कमाई - 
इसकी खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता. 1 हेक्टेयर में इसके करीब 3000 हज़ार पौधे लगाए जा सकते हैं. नर्सरी में ये पौधे 7-8 रुपये के मिलते हैं. ऐसे में इनकी खरीद में करीब 21 हज़ार रुपये का खर्च आता है. अन्य खर्चों को भी जोड़ लिया जाये तो करीब 25 हज़ार रुपये का खर्च आयेगा. 4 से 5 साल बाद हर पेड़ से करीब 400 किलो लकड़ी मिलती है. मतलब 3000 पेड़ो से करीब 12,00,000 किलो लकड़ी मिलेगी. यह लकड़ी मार्केट में 6 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकती है. ऐसे में इसको बेचने पर करीब 72 लाख रुपये कमा सकते हैं. अगर कुछ और खर्च निकाल दिया जाये तो इसकी खेती से आप कम-से-कम 60 लाख रुपये 4 से 5 साल में कमा सकते हैं. 

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कहां उगा सकते हैं यूकलिप्टस - 
यूकलिप्टस के पौधों को उगाने के लिए किसी खास तरह की जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है. यह कहीं भी कैसी भी जमीन पर उगाया जा सकता है. यह हर मौसम में उगाया जा सकता है. यह बहुत ऊंचा होता है. इसकी ऊंचाई 30 से 90 मीटर तक हो सकती है. 

खेती के लिए भूमि - 
इसके लिए खेत की गहरी जुताई की जाती है. जिसके बाद खेत को पाटा लगाकर समतल कर दिया जाता है. समतल खेत में पौध रोपाई के लिए गड्डो को तैयार किया जाता है. इन गड्ढों में गोबर की खाद का उपयोग किया जाता है और गड्ढों की सिंचाई कर इसे रोपाई से 20 दिन पहले तैयार कर लिया जाता है. इसके पेड़ 5 फ़ीट की दूरी में उगाये जाते हैं. 

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कब करें पौध की रोपाई- 
यूकलिप्टस के पौधे नर्सरी में तैयार किए जाते हैं और फिर उनकी खेत में रोपाई कर दी जाती है. इसकी रोपाई के लिए बारिश का मौसम सबसे अच्छा होता है. इस दौरान इन्हे प्रारंभिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है.  अगर पौध रोपाई बारिश के मौसम से पहले की गई है, तो पहली सिंचाई को पौध रोपाई के तुरंत बाद करना होता है. 

पौधों को कितना पानी चाहिए - 
यूकलिप्टस के पौधों को बारिश के मौसम में 40 से 50 दिन के अंतराल में पानी चाहिए होता है, तथा सामान्य मौसम में 50 दिन के अंतराल में पानी दे. यूकलिप्टस के पौधों को खरपतवार से बचाना होता है. खास कर बारिश के मौसम में पौधों को तीन से चार गुड़ाई की जरूरत होती है और पौधे के आस-पास न्म लेने वाली खरपतवार को उखाड़कर नष्ट कर दे. 

यूकलिप्टस पूरी तरह तैयार होने में 8 से 10 वर्ष लेता है. भारत में यूकलिप्टस की 6 प्रजाति यूकलिप्टस निटेंस, यूकलिप्टस ऑब्लिक्वा, यूकलिप्टस विमिनैलिस, यूकलिप्टस डेलीगेटेंसिस, यूकलिप्टस ग्लोब्युल्स और यूकलिप्टस डायवर्सीकलर उगाई जाती हैं. 

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