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पेशावर मस्जिद ब्लास्ट पर PoK नेता बोले- इस्लाम के दुश्मन...

पाकिस्तान के पेशावर में दोपहर की नमाज के समय मस्जिद में बम ब्लास्ट हो गया है, जिसमें अभी तक 92 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है. इस हादसे में 150 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.

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मस्जिद में धमाके के बाद का मंजर (फोटो-एएफपी)
मस्जिद में धमाके के बाद का मंजर (फोटो-एएफपी)

पाकिस्तान के पेशावर में दोपहर की नमाज के लिए लोग जब मस्जिद में आ रहे होंगे तो उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी कि वह सिर्फ चंद मिनटों के ही मेहमान हैं. मस्जिद के इमाम ने नमाज पढ़ाना शुरू किया ही था कि पहली लाइन में खड़े सुसाइड अटैकर ने बम ब्लास्ट कर दिया. ब्लास्ट इतना भयानक था कि मस्जिद की छत और दीवार तक गिर गई. अंग्रेजी अखबार डॉन के अनुसार, इस हादसे में अभी तक 92 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है. वहीं, 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पाकिस्तान में हुए इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हादसे के बाद पेशावर पहुंचे. पीएम शहबाज शरीफ ने इस हमले की कड़ी निंदा की है. वहीं पीओके के प्रधानमंत्री इलियास ने हमले में शामिल लोगों को इस्लाम और इंसानियत के खिलाफ बताया है. 

हादसे के बाद पेशावर गए पीएम शहबाज शरीफ

हादसे की सूचना मिलते ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि अल्लाह के सामने सजदा करने वाले मुस्लिमों की क्रूर हत्या पवित्र कुरान की शिक्षा के खिलाफ है. शहबाज शरीफ ने कहा कि मस्जिद को निशाना बनाना यह दर्शाता है कि हमलावरों का किसी धर्म कोई लेना-देना नहीं है. 

शहबाज शरीफ ने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान की रक्षा करने वाले लोगों को निशाना बनाकर उनके मन में डर पैदा करना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने वालों का नामों-निशा मिटा दिया जाएगा. शहबाज शरीफ ने कहा कि पूरा पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के लिए एकजुट है और देश के शहीदों को सलाम करता है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हादसे के बाद सोमवार को पेशावर पहुंचे. वहां से लौटकर उन्होंने कहा कि, ''हादसे के जिम्मेदार लोगों को मेरा संदेश है कि तुम हमारे लोगों के संकल्प को कम मत समझना.'' उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने हादसे पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि पेशावर मस्जिद में हुए ब्लास्ट की वह कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि आरोपियों को पकड़कर कड़ी सजा दी जाएगी. आतंकवाद का हमेशा के लिए खत्म करना चाहिए. 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने हादसे पर दुख जताया. इसके साथ ही उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए इंटेलिजेंस में सुधार और पुलिस फोर्स को सही तरीके से तैयार करना होगा.

वहीं पीओके के प्रधानमंत्री सरदार तनवीर इलियास ने इस धमाके को क्रूरता का सबसे खराब उदाहरण बताया. साथ ही इलियास ने इस हादसे को अंजाम देने वाले लोगों को इस्लाम और इंसानियत का दुश्मन बताया है. 

 कैसा था हादसे के बाद का खौफनाक मंजर?

मस्जिद में हुए ब्लास्ट में जिन लोगों की जान बची, वह सब उस खौफनाक समय के बारे में सोचकर भी सहम जाते हैं. इन्हीं में पाकिस्तान पुलिस के एक इंस्पेक्टर शफीक भी शामिल हैं. शफीक ने इस हादसे में अपने चचेरे भाई इरफानउल्लाह को खो दिया है, जो खुद भी एक पुलिसकर्मी थे.

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अस्पताल में भर्ती शफीक ने पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार से ब्लास्ट के बाद का हाल बताया. इंस्पेक्टर शफीक ने बताया कि धमाका होते ही उनकी आंखें बंद हो गईं. कुछ सेकेंड बाद जब आंखें खुलीं तो सामने सिर्फ धुआं ही धुआं नजर आ रहा था. वहीं, उनके पास भाई इरफानउल्लाह का शव मलबे में दबा हुआ पड़ा था. 

शफीक ने आगे बताया कि उनके भाई इरफानउल्लाह की तीन बेटियां और दो बेटे हैं. सभी बच्चों की उम्र 11 से 4 साल के बीच में है. इरफान की तैनाती सरबंद पुलिस थाना में थी और वह हादसे से पहले शफीक के साथ एक जरूरी मीटिंग से लौट रहे थे. नमाज का समय हुआ तो दोनों नमाज के लिए पास की मस्जिद में चले गए. 

इरफानउल्लाह उन 63 लोगों में से एक हैं, जिनकी इस हादसे में जान चली गई. इरफान के भाई शफीक समेत 150 से ज्यादा घायल अस्पताल में मौत और जिंदगी के बीच जंग लड़ रहे हैं. 

हादसे के चश्मदीदों ने यह पुष्टि की है कि यह एक सुसाइड अटैक था और जो सुसाइड अटैकर था, वह इमाम साहब के पीछे पहली लाइन में नमाज पढ़ने के लिए खड़ा हुआ था. चश्मदीदों ने आगे बताया कि धमाका इतना भयानक था कि आसपास की इमारतों की खिड़कियों के कांच तक टूट गए. 

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हादसे में बचने वाले एक और पुलिसकर्मी शाहिद अली ने भी उस समय का मंजर बताया. शाहिद ने कहा कि जैसे ही इमाम ने नमाज पढ़ानी शुरू की, धमाका हो गया. धमाके के पास शाहिद को सिर्फ काला धुआं आसमान में उठता हुआ नजर आया. अपनी जान बचाने को शाहिद वहां से भाग निकले. शाहिद ने न्यूज एजेंसी एएफपी से बताया कि उस समय लोगों की चीखें अभी तक उनके जहन में घूम रही हैं. चारों ओर से लोग मदद के लिए आवाज लगा रहे थे.

अस्पतालों में ऐसा हो गया था हाल 
हादसे के बाद शवों और घायलों को अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में इतने लोगों की भीड़ जमा हो गई कि इलाज करने तक में परेशानी आ रही थी. ज्यादा घायल होने की वजह से अस्पताल के इमरजेंसी रूम समेत सभी एकदम भर चुके थे. बेड ना मिलने की वजह से घायलों का इधर-उधर इंतजाम किया जा रहा था.  

अस्पताल में घायलों को खून देने वालों की भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि अस्पताल प्रशासन को लोगों से वापस जाने का आग्रह करना पड़ गया. हर तरह भीड़ की वजह से अस्पताल के हर विभाग में लोगों की कमी पड़ गई. जो डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ के लोग छुट्टी पर थे, उन्हें तुरंत ड्यूटी पर बुलवाया गया. हालांकि, इसके बावजूद भी स्थिति पर काबू नहीं पाया जा सका.

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पेशावर में आत्मघाती ब्लास्ट का Inside Video

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