इजरायल और फिलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच बीते 21 दिनों से जंग जारी है जिसमें दोनों तरफ से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. गाजा पट्टी पर अपना नियंत्रण रखने वाले हमास ने इजरायल पर हमले के बाद वहां के 200 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बना लिया था जिसे वो एक राजनीतिक उपकरण की तरह इस्तेमाल करता है. चाहे इजरायली सरकार पर दबाव डालना हो या अपनी अपनी शर्तें मनवानी हो, हमास इन बंधकों का उपयोग अपने मकसद को पूरा करने के लिए करता है. अब इन बंधकों को लेकर कई बड़े और अहम खुलासे हुए हैं.
सुरंगों में बंधकों को छुपाकर रखता है हमास
बता दें कि 7 अक्टूबर को जब 5 हजार रॉकेट से हमला कर हमास आतंकियों ने इजरायल में कत्लेआम मचाया था तो वापस जाते वक्त वो अपने साथ सैकड़ों लोगों को बंधक बनाकर ले गए थे. वो उन बंधकों को सुरंग में रखते हैं. ये टनल पूरे गाजा पट्टी में फैले हुए हैं और इतने मजबूत हैं कि इस पर इजरायल के घातक से घातक बम का असर भी नहीं होता है. यह वजह है कि अपने बंधकों की सुरक्षित रिहाई को लेकर इजरायली फोर्स गाजा में जमीनी ऑपरेशन शुरू नहीं कर पा रही है.
सैटेलाइट के लिए भी बंधकों को ढूंढना मुश्किल
दरअसल गाजा पट्टी में दो रास्ते हैं. एक सड़क जिसे दुनिया देखती हैं. इस पर गाजा में रहने वाले लोग आते-जाते हैं, लेकिन एक और रास्ता हैं, जो जमीन के नीचे है. उसी रास्ते में सीक्रेट रूट है. इस रूट का इस्तेमाल हमास के आतंकी एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए करते हैं. उसका इस्तेमाल रॉकेट हमले के लिए किया जाता है. इजरायल द्वारा लगातार किए जा रहे हवाई हमलों से वो इन्हीं टनल के जरिए बच जाते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक हमास इन सुरंगों का इस्तेमाल अपने लड़ाकों, नेताओं के साथ हथियारों और खाद्य पदार्थों को छिपाने के लिए भी करता है. हमास द्वारा बनाई गई ये सुरंगें सामान्यत: 30 मीटर तक गहरी हैं, लेकिन कुछ सुरंगें 70 मीटर तक गहरी हैं. ये सुरंगे इतनी गहरी होती हैं कि सैटेलाइट भी इनका ठीक से पता नहीं लगा पाती हैं क्योंकि ये जमीन से काफी नीचे बनाई जाती है. इजरायली फोर्स को उन सुरंगों का सटीक लोकेशन भी नहीं मिल पाता है.
इजरायली बमबारी से बचने के लिए हमास ने इसे मजबूत कंक्रीट से बनाया है. दिलचस्प बात ये है कि इजरायल की ओर से गाजा में सिविलियल कंस्ट्रक्शन के लिए सामान से इन सुरंगों का निर्माण किया गया है जिसका इस्तेमाल अब हमास इजरायल के बंधकों को छुपाने के लिए भी करता है.
बंधकों को छुपाने के लिए घनी आबादी का भी इस्तेमाल
हमास इजरायल और विदेशी बंधकों को छुपाकर रखने के लिए घनी आबादी वाले क्षेत्र का भी इस्तेमाल करता है. जिस क्षेत्र के लोग हमास का समर्थन करते हैं वहां भी इन बंधकों को भीड़भाड़ वाली जगह पर निगरानी के साथ रखा जाता है. इजरायली फोर्स या फिर सैटलाइट के लिए ऐसे इलाकों में बंधकों को ढूंढना काफी मुश्किल हो जाता है.
बंधकों को टूल की तरह इस्तेमाल करता है हमास
बता दें कि हमास इन बंधकों को अपनी सबसे बड़ी सुरक्षा ढाल और टूल के तौर पर युद्ध में इस्तेमाल करता है. साल 2006 में भी हमास ऐसा कर चुका है. दरअसल उस वक्त गाजा के मिलिटेंट्स ने एक इजरायली सैनिक गिलेड शेलित को पकड़ लिया था और पांच सालों तक कैद में रखा.
इसके बदले में उसकी शर्त थी कि इजरायल 1027 फिलस्तीनी कैदियों को छोड़ दे. ये कैदी आतंकी प्रवृति के थे. लंबी बातचीत चली और आखिरकार इजरायल ने हमास की शर्त मानकर लोगों को छोड़ दिया. ये फैसला घातक साबित हुआ. ज्यादातर ने बाहर आकर फिर से इजरायल के खिलाफ साजिशें शुरू कर दीं.
इजरायल-हमास में जारी जंग के बीच मौजूदा हालात को लेकर द टाइम्स ऑफ इजरायल ने एक वरिष्ठ राजनयिक अधिकारी के हवाले से बीते दिनों बताया था कि इजरायल और हमास के बीच 50 बंधकों को रिहा करने के लिए कतर और इजिप्ट के माध्यम से बातचीत चल रही है.
हमास के कब्जे में 220 से ज्यादा लोग
इससे पहले द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि हमास ने गाजा में ईंधन की अनुमति देने के बदले दोहरी नागरिकता वाले 50 नागरिकों की रिहाई की मांग रखी है. माना जा रहा है कि सभी 220 बंधक हमास के कब्जे में नहीं हैं. क्योंकि इससे पहले फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने दावा किया था कि उसके पास 30 बंधक हैं.
इस्लामिक जिहाद के लड़ाके भी 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले में शामिल थे. बता दें कि हमास सिर्फ इजरायली नागरिकों को ही बंधक नहीं बनाता है. इजरायल में मौजूद दूसरे देश के नागरिकों को भी हमास अपना शिकार बनाता है ताकि वो ज्यादा दबाव बना सके.