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फिर चर्चा में आई हरी आंखों वाली 'अफगान रिफ्यूजी गर्ल', जानें क्यों

1984 में नेशनल जियोग्रेफिक मैगजीन के कवर पर छपने के बाद से एक हरी आंखों वाली अफगानी लड़की चर्चा में आई थी. शरबत गुला नाम की इस लड़की को इटली ने अफगानिस्तान में चल रहे अपने निकासी अभियान के तहत देश से निकाल लिया है.

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शरबत गुला
शरबत गुला
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तालिबान से बचकर इटली पहुंची अफगान रिफ्यूजी गर्ल
  • 1984 में चर्चा मेंं आई थी अफगान रिफ्यूजी गर्ल

साल 1984 में नेशनल जियोग्रेफिक मैगजीन के कवर पर छपने के बाद से एक हरी आंखों वाली अफगानी लड़की चर्चा में आई थी. शरबत गुला नाम की इस लड़की को इटली ने अफगानिस्तान में नागरिकों को निकालने को लेकर चल रहे अभियान के तहत देश से निकाल लिया है. इटली के पीएम मारियो द्राघी के कार्यालय ने बताया कि इटली ने शरबत गुला की मदद की गुहार के बाद से उसे अफगानिस्तान से निकाला है. इटली सरकार अब उसे यहां बेहतर जीवन जीने में मदद करेगी.

'अफगान रिफ्यूजी गर्ल'

शरबत गुला सन 1984 में अफगान रिफ्यूजी गर्ल के नाम से दुनियाभर में तब प्रसिद्ध हुई थी जब एक वार फोटोग्रॉफर स्टीव मैकरी ने उसकी एक तस्वीर ली थी. ये तस्वीर नेशनल जियोग्रेफिक मैगजीन के कवर पर छपने के बाद काफी फेमस हो गई. इसके बाद ये लड़की मैकरी को साल 2002 में दोबारा मिली.

पाक से डिपोर्ट की गई शरबत गुला

वहीं साल 2014 में गुला के पाकिस्तान में होने का खबर आई. यहां वह पाकिस्तान की नकली आईडी रखने के आरोप में पुलिस से छुप रही थी. पकड़े जाने पर उसे डिपोर्ट कर दिया गया तो काबुल में अफगान राष्ट्रपति ने उसके लिए रिसेप्शन का आयोजन किया. इस दौरान उसे एक नए घर की चाबी भी दी गई.

'अफगानियों के संघर्ष का प्रतीक है गुला की तस्वीर'

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बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से इटली ने सैकड़ों अफगानियों को वहां से बचाकर निकाला है. फिलहाल गुला के रोम पहुंचने पर प्रधानमंत्री द्राघी के कार्यालय ने कहा कि गुला की प्रसिद्ध तस्वीर 'इतिहास के उस अध्याय के उलटफेर और संघर्ष का प्रतीक है जिससे उस समय अफगानिस्तान और उसके लोग गुजर रहे थे.' इटली का कहना है कि गुला को अफगानिस्तान से निकालने के लिए उनके पास वहां के कुछ एनजीओ की ओर से भी अपील की गई थी.

 

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