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18 साल बाद पाकिस्तान पहुंचे बांग्लादेशी कलाकार, कराची महोत्सव में किया धमाकेदार प्रदर्शन

कराची में चल रहे वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल में इन कलाकारों की भागीदारी ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ दिया है. फेस्टिवल की शुरुआत 30 अक्टूबर को हुई थी और यह 7 दिसंबर तक चलेगा.

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दोनों देशों के बीच लंबे समय तक राजनीतिक और कूटनीतिक मतभेद बने रहे थे. (Photo- Social Media)
दोनों देशों के बीच लंबे समय तक राजनीतिक और कूटनीतिक मतभेद बने रहे थे. (Photo- Social Media)

बांग्लादेशी कलाकारों ने करीब 18 साल बाद पाकिस्तान की सरजमीं पर कदम रखा है. कराची में चल रहे वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल में इन कलाकारों की भागीदारी ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ दिया है.

इस आयोजन में बांग्लादेशी कलाकारों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं शिरीन जावेद, सुबोर्णा मोर्शेदा, फारिया चौधरी, शंभु आचार्य और बब्ली बर्णा, जो संगीत, नृत्य और दृश्य कला के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं. फेस्टिवल की शुरुआत 30 अक्टूबर को हुई थी और यह 7 दिसंबर तक चलेगा.

सांस्कृतिक मेल का नया अध्याय

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बांग्लादेश आर्ट वीक की संस्थापक और प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं नेहारिका मुमताज ने कहा, “करीब 18 साल बाद पाकिस्तान में प्रदर्शन का अवसर मिलना हमारे लिए एक स्वागतयोग्य कदम है. इससे हमें अपनी सांस्कृतिक विविधता को पाकिस्तानी लोगों के सामने प्रस्तुत करने का मौका मिला है.”

नेहारिका की कलाकृतियों में बांग्लादेशी परंपरा, स्त्रीत्व और लोक कला की झलक देखने को मिल रही है.

शिरीन जावेद का शानदार प्रदर्शन

लोकप्रिय गायिका शिरीन जावेद ने बुधवार रात अपने बंगाली गीतों से कराची के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पहली बार आने के बावजूद उन्हें यहां कोई पराया एहसास नहीं हुआ. उन्होंने कहा, “यहां की संस्कृति, भाषा और लोगों में हमें अपनी ही मिट्टी की खुशबू महसूस होती है.”

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बदले हालातों में फिर से जुड़ रहे हैं रिश्ते

दोनों देशों के बीच लंबे समय तक राजनीतिक और कूटनीतिक मतभेद बने रहे थे. विशेष रूप से शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के दौर में संबंध बेहद ठंडे पड़ गए थे, जब 2010 में 1971 के युद्ध अपराधियों के खिलाफ मुकदमों की शुरुआत हुई थी. लेकिन 5 अगस्त 2024 को हसीना सरकार के पतन और नए राजनीतिक समीकरणों के बाद से ढाका और इस्लामाबाद के बीच रिश्तों में गर्माहट लौट आई है.

हाल ही में पाकिस्तान में बांग्लादेश के उच्चायुक्त इकबाल हुसैन खान ने कहा था कि अब दोनों देशों के बीच संबंध “हर स्तर पर बेहतर” हुए हैं. उन्होंने बताया कि बांग्लादेशी नागरिकों को अब पाकिस्तान का वीजा मात्र 24 घंटे में मिल जाता है और दोनों देशों के बीच कराची और चिटगांव के बीच सीधे समुद्री संपर्क की योजना पर भी चर्चा चल रही है.

कला ने खोला नया दरवाजा

कराची आर्ट्स काउंसिल के अध्यक्ष अहमद शाह ने कहा कि बांग्लादेशी कलाकारों की उपस्थिति ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई दिशा दी है. कला और संस्कृति वो काम कर सकती है जो कूटनीति भी नहीं कर पाती.

काउंसिल के वरिष्ठ सदस्य जाकिर मसूद ने भी यही बात दोहराई कि यह फेस्टिवल यह साबित करता है कि कलाकारों और सांस्कृतिक मेलजोल से दोनों देशों के बीच विश्वास और दोस्ती की नई नींव रखी जा सकती है.

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