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तालिबान की मदद करने कतर आया आगे, काबुल एयरपोर्ट पहुंची टेक्निकल टीम

अफगानिस्तान में अमेरिका का सैन्य अभियान खत्म हो गया. अमेरिका ने 9/11 हमलों के बाद तालिबान को अफगानिस्तान से खदेड़ दिया था लेकिन अब तालिबान का देश पर राज है.

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काबुल एयरपोर्ट पर उतरा कतर का विमान (फाइल फोटो)
काबुल एयरपोर्ट पर उतरा कतर का विमान (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • काबुल एयरपोर्ट पर उतरा कतर का विमान
  • विमान से टेक्निकल टीम उतरने की खबर
  • काबुल एयरपोर्ट पर फिर शुरू हो सकता है कामकाज

काबुल एयरपोर्ट पर बुधवार को एक कतर एयरक्राफ्ट उतरा है. बताया जा रहा है कि इस विमान में टेक्निकल टीम थी. यह टीम एयरपोर्ट पर फिर से विमान के परिचालन शुरू करने संबंधी कार्यों को लेकर चर्चा करेगी. क्योंकि अबतक इसपर अमेरिका का कब्जा था लेकिन अब इसे तालिबान चलाएगा. एक सूत्र के हवाले से इस बात की जानकारी दी गई है. 

वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने युद्ध के करीब 20 साल बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का जोरदार बचाव करते हुए इसे अमेरिका के लिए 'सबसे अच्छा और सही' फैसला बताया.

बाइडन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस से देश को दिए संबोधन में कहा कि ऐसा युद्ध लड़ने की कोई वजह नहीं है जो अमेरिकी लोगों के 'अहम राष्ट्रीय हितों' में न हो. उन्होंने कहा, 'पूरे दिल से मैं यह मानता हूं कि यह अमेरिका के लिए सही, विवेकपूर्ण और सबसे अच्छा फैसला है.'

काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अमेरिकी सैनिकों को लेकर आने वाले आखिरी सी-17 मालवाहक विमान ने मंगलवार को तड़के उड़ान भरी जिसके बाद अफगानिस्तान में अमेरिका का सैन्य अभियान खत्म हो गया. अमेरिका ने 9/11 हमलों के बाद तालिबान को अफगानिस्तान से खदेड़ दिया था लेकिन अब तालिबान का देश पर राज है.

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बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में असली विकल्प लड़ाई 'छोड़ने और उसे बढ़ाने के बीच' था. उन्होंने कहा, 'मैं इस युद्ध को हमेशा के लिए बढ़ाना नहीं चाहता था. हमने एक दशक पहले अफगानिस्तान में जो लक्ष्य तय किया था हम उसमें कामयाब हुए. हम एक और दशक रहे. अब इस युद्ध को खत्म करने का वक्त आ गया था. अफगानिस्तान के बारे में यह फैसला महज उस देश को लेकर नहीं है. यह दूसरे देशों के निर्माण के लिए, प्रमुख सैन्य अभियानों के एक युग की समाप्ति है.'

बाइडन की अमेरिकी सेना को अचानक वापस बुलाने को लेकर आलोचना की जाती रही है. उन्होंने कहा, 'हम एक राष्ट्र के तौर पर युद्ध में बहुत लंबे वक्त तक रहे. अगर आप आज 20 वर्ष के हैं तो आप कभी नहीं जानते कि अमेरिका एक शांति प्रिय देश है.'
 

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