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पढ़ें: अन्‍ना ने पीएम को चिट्ठी में क्‍या लिखा?

प्रधानमंत्री को लिखी ग‍ई चिट्ठी में अन्‍ना हजारे ने लिखा है कि मैं अपने निजी स्‍वार्थ के लिए अनशन पर नहीं बैठा हू. मैं तो एक साधारण इंसान हूं और मैं केवल गरीब जनता के लिए लड़ रहा हूं.

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अन्‍ना हजारे
अन्‍ना हजारे

अन्ना हजारे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र के रूप में लिखित आश्वासन दिया कि लोकपाल के विषय में उनके द्वारा उठाए असहमति वाले तीन मुद्दों पर अगर संसद में प्रस्ताव पारित हो जाता है तो वह फौरन अपना अनशन तोड़ देंगे.

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उधर हजारे के साथी कार्यकताओं ने मांग की कि गांधीवादी कार्यकर्ता की सेहत के मद्देनजर संसद सदस्य इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द पारित करने पर विचार करें. हजारे ने मनमोहन को अपराह्न लिखे पत्र में वही बातें दोहराईं, जो उन्होंने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री विलास राव देशमुख के जरिए भेजे अपने संदेश में कहीं थीं.

जनलोकपाल का थीम सॉन्‍ग

हजारे के साथी अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, हजारे ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि उनके जन लोकपाल विधेयक में तीन अहम प्रावधान हैं, सिटीजन चार्टर बनाना, सभी स्तर के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाना और केंद्र में लोकपाल की तर्ज पर सभी प्रदेशों में लोकायुक्त का गठन करना.

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संसद से ऊंची है जनसंसद: अन्‍ना हजारे

हजारे ने कहा कि मुझे उम्मीद ही नहीं, इस बात का पूरा यकीन है कि भ्रष्टाचार की जिल्लत से निजात दिलाने के लिए सभी संसद सदस्य इन तीन मुद्दों पर प्रस्ताव पारित करने पर सहमत होंगे. जैसे ही ये प्रस्ताव पारित होगा मैं अनशन तोड़ दूंगा, लेकिन जनता के साथ तब तक रामलीला मैदान पर रहूंगा, जब तक लोकपाल के बाकी मुद्दों पर संसद फैसला नहीं कर लेती.

केजरीवाल ने कहा कि हम गांधीवादी कार्यकर्ता की सेहत के प्रति चिंतित हैं और चाहते हैं कि अगर आज संसद में चर्चा होती है, तो फौरन प्रस्ताव पारित किया जाए या फिर कल शनिवार को संसद की विशेष बैठक बुला कर इस संबंध में निर्णय किया जाए.

हजारे के साथी कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि लोकसभा के नियम 388 के तहत सदन के सदस्य किसी भी अन्य नियम को किनारे रख कर किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा कर उसे पारित करा सकते हैं. हम चाहते हैं कि तुरंत प्रस्ताव पारित हो अन्यथा यह मुद्दा तीन दिन के लिए टल जाएगा.

हजारे ने मनमोहन को लिखे पत्र में कहा कि मैं हमारे आंदोलन की सराहना करने के लिए आपका और संसद का आभार व्यक्त करता हूं. आप ही की तरह मैं भी देश के लोगों के बारे में सोचता हूं और बिना किसी स्वार्थ के अनशन पर बैठा हूं. मैं एक सामान्य आदमी हूं और गरीबों तथा समाज के बारे में सोचता हूं.

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तल्खी कम करने के अंदाज में हजारे ने कहा कि हमारा आंदोलन किसी व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है. अगर हमारी ओर से ऐसे शब्द कहे गए हों, जिनसे किसी को चोट पहुंची हो, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं. गांधीवादी कार्यकर्ता ने अपने पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री सहित सभी सांसदों को देशहित में इस आंदोलन में शामिल होना चाहिए.

हजारे ने कहा कि नियम कानून जनता के लिए हैं और अगर जनहित में तुरंत नए कानून बनाने पड़ते हैं या कानून बदलने पड़ते हैं तो इससे हिचकना नहीं चाहिए. इस बीच केजरीवाल ने बताया कि हजारे के आंदोलन को भाजपा, वामदलों, जदयू शिवसेना और तेदेपा ने समर्थन दे दिया है.

शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे ने भी रामलीला मैदान पहुंच कर हजारे के साथी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. ‘संडे इंडियन’ के संपादक अरिंदम चौधरी ने भी आज हजारे समर्थकों को संबोधित किया.

केजरीवाल ने इन खबरों का खंडन किया कि कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े उनकी टीम का हिस्सा नहीं रहे. उन्होंने कहा कि हमारी आज ही हेगड़े से बात हुई और उन्होंने कहा कि वह आंदोलन के साथ हैं.

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