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मॉस्को क्यों बना भारतीयों का नया ट्रैवल हॉटस्पॉट, 6 महीने में 40% बढ़े टूरिस्ट

रूस की राजधानी मॉस्को अब भारतीय सैलानियों की नई पसंद बन चुकी है. 2025 की शुरुआत में यहां भारतीय पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. योग दिवस और इंडिया फेस्ट जैसे आयोजनों ने भी भारतीयों को खींचा है. इसके पीछे की वजह क्या है? जानिए यहां...

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ई-वीज़ा ने आसान कर दी मॉस्को की राह (Photo: Unsplash)
ई-वीज़ा ने आसान कर दी मॉस्को की राह (Photo: Unsplash)

रूस की राजधानी मॉस्को अब भारतीय सैलानियों के बीच सबसे पसंदीदा जगह बनती जा रही है. 2025 की पहली छमाही में यहां आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में करीब 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पहले जहां यूरोप और एशिया के अन्य देश भारतीयों की पहली पसंद होते थे, अब मॉस्को ने अपनी पहचान नए लग्जरी और कल्चर डेस्टिनेशन के रूप में बना ली है. इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह है क्या है? 

इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह की बात करें तो आसान वीजा प्रक्रिया, बेहतर हवाई कनेक्टिविटी और भारत-रूस के गहरे सांस्कृतिक रिश्ते हैं. यही वजह है कि मॉस्को में जब भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस या इंडिया फेस्ट जैसे भारतीय आयोजन होते हैं, तो सैकड़ों भारतीय सैलानी वहां पहुंचते हैं. यही सांस्कृतिक अपनापन और सहज यात्रा व्यवस्था अब मॉस्को को भारतीय पर्यटकों की पहली पसंद बना रही है.

आसान ई-वीजा और कम खर्च वाली यात्रा

पहले रूस का वीजा प्रोसेस लंबा और जटिल माना जाता था, लेकिन अब ई-वीजा ने सब आसान कर दिया है. भारतीय पर्यटक अब बिना किसी होटल बुकिंग या आमंत्रण पत्र के, सिर्फ चार दिनों में ऑनलाइन वीजा पा सकते हैं. इस बदलाव के बाद से हजारों भारतीयों ने रूस की यात्रा शुरू कर दी है. इसके अलावा, मॉस्को तक पहुंचने के लिए अब कई सीधी फ्लाइट्स और सस्ते ट्रैवल पैकेज भी मिल रहे हैं. पहले जहां रूस घूमना महंगा माना जाता था, अब यह किफायती और सुविधाजनक बन गया है. इतना ही नहीं मॉस्को के पर्यटन विभाग ने भी भारत को लेकर खास पहल की है- जैसे मॉस्को में भारतीय माहौल नाम की गाइड, जिसमें भारतीय रेस्तरां, मंदिरों, शॉपिंग स्पॉट्स और लोकप्रिय घूमने की जगहों की पूरी जानकारी दी गई है.

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भारत-रूस की सांस्कृतिक नजदीकियां बढ़ा रही हैं पर्यटक संख्या

रूस और भारत के बीच सांस्कृतिक रिश्ता दशकों पुराना है. मॉस्को में आज भी भारत के गीत, योग और बॉलीवुड फिल्मों की लोकप्रियता देखी जा सकती है. यही कारण है कि शहर के आयोजनों में भारतीय रंग भरने लगे हैं. यहां हर साल होने वाले इंडिया फेस्ट और योग डे जैसे कार्यक्रम भारतीय सैलानियों के लिए खास आकर्षण बन गए हैं. सिर्फ यही नहीं, शहर की सड़कों, पार्कों और बाजारों में अब भारतीय भोजन और संगीत का असर साफ दिखता है.
रूस के पर्यटन अधिकारियों ने भारत के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए कई ट्रैवल एक्सपो और बिजनेस टूर आयोजित किए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच यात्रा और निवेश के अवसर बढ़े हैं.

लग्जरी और आधुनिकता का मिश्रण

मॉस्को आज सिर्फ इतिहास और वास्तुकला के लिए नहीं, बल्कि अपने आधुनिक और सुरक्षित माहौल के लिए भी जाना जाता है. यहां के होटल, रेस्तरां और पर्यटक स्थल किसी भी यूरोपीय देश से कम नहीं हैं. 2025 के शुरुआती महीनों में ही पांच लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक मॉस्को पहुंचे, जिनमें बड़ी संख्या भारतीयों की थी. यही वजह है कि  3 से 5 सितारा होटलों की बुकिंग में भी भारतीय यात्रियों का योगदान तेजी से बढ़ा है. इतना ही नहीं यहां की 'मॉस्को में गर्मी' नाम की पहल के तहत शहर भर में खुले आयोजनों, संगीत और फूड फेस्टिवल्स ने इसे और भी आकर्षक बना दिया है.

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आगे और बढ़ेगा रूसी टूरिज्म का ट्रेंड

भारत और रूस के बीच अब टूरिज्म सिर्फ यात्रा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक सांस्कृतिक साझेदारी में बदल चुका है. 2025 में रूस में हुए  ओटीओएआई कन्वेंशन में 250 से ज्यादा भारतीय टूर ऑपरेटर और ट्रैवल एक्सपर्ट्स शामिल हुए, जिन्होंने मॉस्को की खूबसूरती को करीब से देखा. इन कोशिशों के बाद उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में रूस, खासकर मॉस्को भारतीय यात्रियों के लिए यूरोप का सस्ता और शानदार विकल्प बन जाएगा.
 

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