नवरात्रि में देश का हर कोना रंगों और परंपराओं से जगमगा उठता है. कहीं गरबा और डांडिया की धुन पर लोग रातभर झूमते हैं तो कहीं मंदिरों की घंटियां और गंगा आरती वातावरण को भक्ति से भर देती है. अगर आप इस बार नवरात्रि को सिर्फ पूजा और व्रत तक सीमित न रखकर एक यात्रा अनुभव बनाना चाहते हैं, तो भारत की ये 5 जगहें आपको त्योहार के साथ-साथ घूमने का भी अविस्मरणीय मौका देती हैं.
गुजरात का अहमदाबाद नवरात्रि का पर्याय बन चुका है. यह शहर अपने ऊर्जावान गरबा और डांडिया रास के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. नवरात्रि के दौरान यहां हज़ारों लोग पारंपरिक और रंगीन वेशभूषा में सजकर विशाल मैदानों में इकट्ठा होते हैं और पूरी रात ढोल की थाप पर लोकगीतों की धुन पर नाचते हैं. इस दौरान पूरा शहर रोशनी और संगीत से जगमगा उठता है. यही वजह है कि अहमदाबाद सबसे प्रामाणिक और जीवंत नवरात्रि समारोहों में से एक है, जहां आप गरबा के सांस्कृतिक अनुभव में पूरी तरह से डूब सकते हैं.
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मुंबई का महानगरीय माहौल नवरात्रि उत्सव को एक आधुनिक और आकर्षक मोड़ देता है. यहां भव्य गरबा और डांडिया नाइट्स आयोजित की जाती हैं, जिनमें लोग पारंपरिक और बॉलीवुड संगीत पर रात भर झूमते हैं. इन आयोजनों में सेलिब्रिटी परफॉर्मेंस और शानदार सेट उत्सव में चार चांद लगा देते हैं.
अपनी प्राचीनता और अध्यात्मिक ऊर्जा के लिए विश्व-प्रसिद्ध, वाराणसी में नवरात्रि का पर्व बहुत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है. इन नौ दिनों के दौरान, यहां के प्रमुख धार्मिक स्थल जैसे दुर्गा मंदिर और विशालाक्षी मंदिर भक्तों की भीड़ से भरे रहते हैं. लोग मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने और पूजा-अर्चना करने दूर-दूर से आते हैं.
इसके साथ ही, वाराणसी की पहचान माने जाने वाले घाटों पर शाम के समय होने वाली भव्य गंगा आरती का दृश्य देखने लायक होता है. हजारों दीपों की रोशनी जब नदी में प्रवाहित होती है, तो यह नजारा पूरे वातावरण को दैवीय आभा से भर देता है, जिससे नवरात्रि की दिव्यता और भी बढ़ जाती है.
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गुजरात के पश्चिमी तट पर स्थित पवित्र नगरी द्वारका भगवान कृष्ण से जुड़ी हुई है. नवरात्रि में यहां का द्वारकाधीश मंदिर उत्सव का केंद्र बन जाता है. इतना ही नहीं लोग भक्ति गायन और मंदिर के अनुष्ठानों में भाग लेते हैं. इसके अलावा यहां पारंपरिक गरबा और डांडिया भी आयोजित होता है. द्वारका उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो शांतिपूर्ण और भक्तिपूर्ण नवरात्रि अनुभव चाहते हैं, जहां मंदिर के अनुष्ठानों पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया जाता है.
मैसूर का दशहरा उत्सव, जो नवरात्रि के साथ ही मनाया जाता है, अपनी शाही भव्यता के लिए जाना जाता है. इस दौरान मैसूर पैलेस हज़ारों दीपों से जगमगाता है. इतना ही नहीं यहां देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति के साथ निकलने वाला भव्य जुलूस और शाही हाथियों की परेड देखने लायक होती है. मैसूर नवरात्रि को एक शाही अंदाज में मनाने के लिए आदर्श स्थान है, जहां भव्य जुलूस और जगमगाता मैसूर पैलेस अपनी पूरी शान में होता है.