थिल्लई नटराज मंदिर (Thillai Nataraja Temple) तमिलनाडु के चिदंबरम नगर में स्थित एक अत्यंत प्राचीन और प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. यह मंदिर भगवान शिव को नटराज अर्थात् ब्रह्मांडीय नृत्य के स्वामी के रूप में समर्पित है. यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि दार्शनिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
माना जाता है कि चिदंबरम पहले “थिल्लई वन” कहलाता था, जहां घने मैंग्रोव वृक्ष थे. इसी कारण मंदिर का नाम थिल्लई नटराज मंदिर पड़ा. यह मंदिर पंचभूत स्थलों में से एक है और आकाश तत्व (Ether/Space) का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे “चिदंबरम रहस्य” के नाम से जाना जाता है. गर्भगृह में स्थित चिदंबर रहस्य में कोई मूर्ति नहीं, बल्कि आकाश का प्रतीक पर्दे के माध्यम से दर्शाया गया है, जो शिव के निराकार स्वरूप को दर्शाता है.
मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली की उत्कृष्ट मिसाल है. इसके विशाल गोपुरम, जटिल शिल्पकला और भित्ति चित्र दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. मंदिर परिसर में सभा मंडप, हजार खंभों वाला मंडप, और पवित्र कुंड स्थित हैं. यहां भगवान शिव के साथ माता शिवकामसुंदरी की भी पूजा होती है.
थिल्लई नटराज मंदिर नाट्य और संगीत से गहराई से जुड़ा है. भरतनाट्यम नृत्य की परंपरा को यहां विशेष महत्व प्राप्त है. माना जाता है कि भगवान शिव ने यहीं आनंद तांडव किया था. प्रतिवर्ष नटराज अभिषेक, मार्गशीर्ष तिरुवाधिरै उत्सव और अन्य पर्व भव्य रूप से मनाए जाते हैं.
यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि भारतीय दर्शन, योग और कला का भी महत्वपूर्ण प्रतीक है. थिल्लई नटराज मंदिर में दर्शन करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और शिव की दिव्य ऊर्जा का अनुभव होता है.